ज़रा हटके
30-Jun-2025
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वैलिग्टन (ईएमएस)। वैज्ञानिकों ने बच्चों में मस्तिष्क के विकास से जुड़े एक दुर्लभ विकार की नई आनुवंशिक (जेनेटिक) वजह की पहचान की है। हाल ही में एक अंतरराष्ट्रीय शोध में शोधकर्ताओं की टीम ने पाया कि सीआरएनकेएल1 नामक जीन में हुए खास बदलाव के कारण बच्चों में गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इनमें माइक्रोसेफली (सिर का सामान्य से छोटा आकार), ब्रेन स्टैम और सेरेबेलम का अविकसित रह जाना (पोंटोसेरेबेलर हाइपोप्लासिया), दौरे और गहरी बौद्धिक अक्षमता शामिल हैं। यह डिसऑर्डर बच्चों को जन्म से पहले और बाद में समान रूप से प्रभावित कर सकता है। शोध की मुख्य लेखिका डॉ. संकालिता रे दास ने कहा कि यह खोज न सिर्फ इस दुर्लभ रोग की स्पष्ट वजह बताती है, बल्कि यह भी समझने में मदद करती है कि मानव जीन मस्तिष्क के विकास को कैसे संचालित करते हैं। इस शोध को न्यूजीलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ ओटागो के नेतृत्व में किया गया। इस शोध से मस्तिष्क के निर्माण और उसकी कार्यप्रणाली से जुड़ी जटिल जैविक प्रक्रिया को समझने में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। शोध में शामिल बायोकेमिस्ट्री विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर लुईस बिकनेल ने बताया कि मानव शरीर डीएनए से आवश्यक निर्देशों को ‘स्प्लिसिंग’ नामक प्रक्रिया के जरिए पढ़ता और प्रोसेस करता है। यह प्रक्रिया हमारे शरीर में जरूरी प्रोटीन बनाने के लिए जिम्मेदार होती है। यदि इसमें गड़बड़ी हो जाए तो गंभीर जेनेटिक बीमारियां हो सकती हैं। सीआरएनकेएल1 जीन में पाई गई गड़बड़ी भी ऐसी ही एक गड़बड़ी है, जो सीधे मस्तिष्क के विकास को प्रभावित करती है। इस शोध में 10 परिवारों का अध्ययन किया गया। इनमें से नौ मामलों में सीआरएनकेएल1 जीन के एक ही स्थान पर बदलाव मिला। सभी बच्चों में लक्षण लगभग समान थे, जिससे यह साबित होता है कि यह जेनेटिक परिवर्तन और बीमारी के बीच गहरा संबंध है। सुदामा/ईएमएस 30 जून 2025