- केंद्रीय चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान आएंगे भोपाल भोपाल (ईएमएस)। मप्र में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया तेज हो गई है। इसी कड़ी में एक जुलाई को केंद्रीय चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान भोपाल आएंगे। वे शाम 4 बजे भोपाल आएंगे। 2 जुलाई को प्रदेश अध्यक्ष चयन को लेकर बैठक होगी। बैठक में अध्यक्ष पद के लिए नाम रखा जाएगा। पार्टी सूत्रों की मानें तो आम सहमति से चुनाव प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। चुनाव के पहले मंगलवार शाम को पार्टी की अहम बैठक होगी। बैठक में वरिष्ठ नेता अध्यक्ष चयन प्रक्रिया को लेकर आपस में चर्चा करेंगे। पार्टी हाईकमान की मंजूरी के बाद दावेदारों ने अंतिम दौर की जोड़-तोड़ तेज कर दी है। बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं, हालांकि इस बार पार्टी आदिवासी वर्ग से अध्यक्ष नियुक्त कर ‘ट्राइबल कार्ड’ भी खेल सकती है। केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उईके, खरगोन सांसद गजेंद्र पटेल और पूर्व मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते जैसे नाम भी इसी समीकरण में शामिल हैं। मप्र भाजपा का अगला अध्यक्ष आदिवासी वर्ग से हो सकता है या हाईकमान कोई अप्रत्याशित निर्णय लेकर चौंका सकता है। अध्यक्ष पद के लिए नामांकन प्रक्रिया आज होगी, जब केंद्रीय चुनाव अधिकारी धर्मेंद्र प्रधान भोपाल पहुंचेंगे। नामांकन और रायशुमारी के बाद 2 जुलाई को कार्यसमिति की बैठक में नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा की जाएगी। प्रदेश में 22 प्रतिशत से अधिक आबादी आदिवासी वर्ग की है। ऐसे में संगठन लंबे समय बाद आदिवासी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर सामाजिक संतुलन साध सकता है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश गठन के बाद से अभी तक किसी आदिवासी नेता को प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया गया है। वैसे तो अब तक नए अध्यक्ष की दौड़ में हेमंत खंडेलवाल का नाम सबसे अधिक चर्चा में है, लेकिन भाजपा आदिवासी और महिला वर्ग के बीच भी प्रदेश अध्यक्ष का चेहरा टटोल रही है। वर्तमान में वीडी शर्मा सामान्य वर्ग से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं और साढ़े पांच वर्ष का लंबा कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। डॉ. मोहन यादव ओबीसी वर्ग से मुख्यमंत्री और अनुसूचित जाति वर्ग व ब्राह्मण वर्ग से दो उप मुख्यमंत्री हैं। यही वजह है कि भाजपा अब प्रदेश अध्यक्ष की कमान आदिवासी या महिला के हाथों में सौंप सकती है। इनके नामों की चर्चा भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष चुनाव की प्रकिया शुरू होने से पहले संभावित दावेदारों के नाम भी सामने आए हैं। हालांकि पार्टी में सभी चुनावी प्रक्रिया अपनाई जाएगी किंतु मतदान की स्थिति नहीं आएगी ऐसी संभावना है। पार्टी द्वारा सर्वसम्मति से अध्यक्ष का चुनाव कराया जाएगा। संभावित दावेदारों में वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सांसद वीडी शर्मा, पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, सांसद गजेंद्र पटेल, हेमंत खंडेलवाल, केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उइके, लाल सिंह आर्य, राजेंद्र शुक्ल और अरविन्द भदौरिया आदि के नाम शामिल बताए जा रहे हैं। बैतूल से विधायक और पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल को दौड़ में सबसे मजबूत बताया जा रहा है। इसका कारण उनकी संगठन में मजबूत पकड और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पसंद एवं आरएसएस पदाधिकारी सुरेश सोनी के करीबी होना बताया जा रहा है। वहीं, साथ ही केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उईके भी रेस में आ गए है। उनकी मजबूती का कारण आरएसएस से संपर्क में रहने वाले, लो-प्रोफाइल और सर्वमान्य नेता होना है। साथ ही खरगोन से सांसद को भी दिल्ली में हाईकमान से लगातार संपर्क, क्षेत्रीय समीकरणों में फिट बैठने की वजह से दावेदार माना जा रहा है। हाईकमान का सरप्राइज भी संभव पार्टी सूत्रों के मुताबिक, चुनावी दबाव नहीं होने के कारण संगठन नए प्रयोग के रूप में किसी महिला नेत्री को भी मौका दे सकता है। इसमें केंद्रीय राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर, सीमा सिंह और सांसद लता वानखेड़े के नाम चर्चा में हैं। देशभर में भाजपा के 37 राज्यों में से 19 राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव शेष है। 10 जुलाई तक राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम की घोषणा की संभावना है। हाल ही में पार्टी ने 3 राज्यों के चुनाव अधिकारियों की घोषणा की है, जिससे संकेत मिल रहे हैं कि राष्ट्रीय नेतृत्व अब संगठनात्मक पुनर्गठन को लेकर सक्रिय हो गया है। विनोद / 30 जून 25