झाबुआ (ईएमएस) जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत भूजल संरक्षण एवं अन्य प्रयासों से, वर्षा जल का संरक्षण होगा, जिसका उपयोग सिंचाई एवं पेयजल के लिए किया जा सकेगा। अभियान के तहत जहां नई संरचनाओं का निर्माण हुआ है वहीं पुरानी संरचनाओं के मरम्मतीकरण के कार्य हुए जिससे आने वाले समय में जल समस्या के समाधान में सहायता मिलेगी। उक्त विचार 30 मार्च से प्रारम्भ हुए जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन अवसर पर सोमवार को जिला मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में सांसद श्रीमती अनिता नागरसिंह चौहान द्वारा व्यक्त किए गए हैं। चौहान मुख्य अतिथि के रूप में उद्बोधन कर रहीं थीं। कार्यक्रम का शुभारम्भ देवी सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया। सांसद ने अपने उद्बोधन में आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए जल संरक्षण एवं जल संचयन के संदेश के अनुरूप मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नैतृत्व में प्रदेश में आरंभ किए गए जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत जिले में अच्छा कार्य हुआ है। सांसद ने विश्वास व्यक्त किया कि जल गंगा संवर्धन अभियान के अतिरिक्त भूजल संरक्षण के जो अन्य कार्य है, उन्हें भी जनप्रतिनिधियों की सहभागिता से जल्द पूर्ण कराया जा सकेगा। कार्यक्रम के उपरांत श्रीमती चौहान ने एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत पौधारोपण किया, और सभी से एक पौधा लगाए जाने की अपील की। आयोजन में अपने संबोधन में जिला कलेक्टर नेहा मीना ने कहा कि जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत विभिन्न कार्य किये जाकर ग्राउंड वॉटर रिचार्ज स्ट्रक्चर पर विशेष जोर दिया गया, जिसमें डगवेल रिचार्ज, हेण्डपम्प रिचार्ज एवं रुफ वॉटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाए गए। उन्होंने कहा कि तालाब गहरीकरण से न केवल जल क्षमता बढ़ी है, अपितु कृषकों को उपजाऊ मिट्टी भी प्राप्त हुई है। भूजल संरक्षण से आने वाले दिनों में सकारात्मक परिणाम नजर आएंगे। उन्होंने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि यदि भूजल का दोहन करे तो उसका संरक्षण भी करें। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जितेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जिले में शासन निर्देशानुसार नवीन खेत तालाब निर्माण सहित अन्य कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। चौहान ने कहा कि अभियान के तहत जिले में 1136 खेत तालाब , 4068 डगवेल रिचार्ज, 18 अमृत सरोवर, 1047 हेंडपम्प रिचार्ज एवं 320 शासकीय भवनों में रुफ वॉटर हार्वेस्टिंग संरचनाओं का निर्माण हुआ। ईएमएस/ डॉ. उमेशचन्द्र शर्मा/30/6/2025/