गुना (ईएमएस)। दिगंबर जैन समाज गुना के लिए यह वर्ष अत्यंत विशेष बन गया है, क्योंकि आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के परम शिष्य एवं श्रेष्ठ निर्यापक श्रमण मुनिश्री योगसागरजी महाराज का ससंघ 4 जुलाई को दोपहर 2:30 बजे गुना नगर में मंगलप्रवेश होगा। इस शुभ अवसर की तैयारी में समूचा जैन समाज उल्लासित है। वर्षाकाल में दिगंबर साधु एक ही स्थान पर ठहरकर आत्म साधना करते हैं और इस वर्ष आचार्यश्री समयसागर महाराज के आशीर्वाद से गुना नगर को मुनिश्री योगसागरजी का दुर्लभ वर्षायोग प्राप्त हो रहा है। मंगलप्रवेश से पूर्व मुनिश्री का संघ विहार सिरोंज से आरोन होते हुए बजरंगगढ़ के रास्ते गुना की ओर अग्रसर है। सोमवार को गुना की प्रबंधकारिणी समिति के सदस्यों ने सिरोंज पहुंचकर मुनिसंघ को श्रीफल अर्पित कर आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर पूर्व विधायक राजेन्द्र सिंह सलूजा सहित जैन समाज के बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मुनिसंघ का पैदल विहार कराया। इसके पूर्व सिरोंज में मुनिसंघ के सान्निध्य में आचार्यश्री विद्यासागर की दीक्षा का 58वां वर्षगांठ समारोह भी अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विद्यासार महाराज की दीक्षा दिवस की पंचांग तिथि और ग्रेगोरियन तिथि दोनों एकसाथ पडऩे का विशेष संयोग बना। समारोह में आचार्यश्री के चित्र का अनावरण और दीप प्रज्वलन किया गया। जिसमें जैन समाज के अध्यक्ष संजय जैन कामिनी, महामंत्री अनिल जैन अंकल, कोषाध्यक्ष संजय जैन, प्रचार मंत्री अजय जैन, मुनि सेवा संघ समिति अध्यक्ष संभव जैन, बंटी भैया एवं जीतू भैयाजी विशेष रूप से उपस्थित रहे। इधर गुना में 4 जुलाई को होने वाले मंगलप्रवेश को लेकर व्यापक स्तर पर तैयारियां चल रही हैं। महावीर भवन में आयोजित समाज की बैठक में स्वागत जुलूस, अगवानी की रूपरेखा, रूट प्लान एवं साधु-संतों की व्यवस्था पर विचार विमर्श किया गया। मुनिसंघ के स्वागत में बड़ी संख्या में समाजबंधु, महिलाएं एवं युवा प्रतिदिन पदविहार में सहभागी बन रहे हैं। नगर में इस विशेष अवसर को लेकर धार्मिक उत्सव का माहौल है, और पूरे जैन समाज में गहरी आस्था एवं श्रद्धा की लहर दौड़ रही है। उल्लेखनीय है कि मुनिश्री योग सागरजी महाराज आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज के ज्येष्ठ और श्रेष्ठ साधु हैं बल्कि वह आचार्यश्री विद्यासागरजी एवं वर्तमान आचार्यश्री समय सागरजी महाराज के गृहस्थ जीवन के भाई भी हैं। पांच मुनिराज और सात ऐलक शामिल हैं संघ में संघ में मुनिश्री योग सागरजी के अलावा मुनिश्री नीरोग सागरजी, निर्मोह सागरजी, निरामय सागरजी, निर्भीक सागरजी, ऐलकगण सुधार सागरजी, चैत्य सागरजी, अपार सागरजी, तन्मय सागरजी, आगत सागरजी, भास्वत सागरजी एवं स्वस्तिक सागरजी महाराज शामिल हैं। - सीताराम नाटानी (ईएमएस)