मंदिर समिति ने कांवड़ यात्रियों के लिए चार नंबर गेट से प्रवेश की व्यवस्था की उज्जैन(ईएमएस)। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में अब तक नेता, अधिकारियों आदि को ही विशेष प्रवेश द्वार से प्रवेश की सुविधा मिलती है, लेकिन अब श्रावण मास में देशभर से आने वाले कांवड़ यात्रियों को इस सुविधा का लाभ मिलने जा रहा है। मंदिर समिति ने सैकड़ों किलोमीटर की पद यात्रा का भगवान महाकाल का जलाभिषेक करने आने वाले कांवडिय़ों के लिए चार नंबर गेट से प्रवेश की व्यवस्था की है। वर्तमान में यह द्वार 250 रुपये के शीघ्र दर्शन टिकट वाले श्रद्धालुओं के लिए आरक्षित है। कांवड़ यात्री महाकालेश्वर अन्नक्षेत्र में निश्शुल्क महाप्रसादी भी ग्रहण कर सकेंगे। देशभर से आएंगे कांवड़ यात्री श्रावण मास में देशभर से हजारों कांवड़ यात्री गंगा, नर्मदा सहित अन्य प्रमुख नदियों का जल लेकर भगवान महाकाल का जलाभिषेक करने उज्जैन आते हैं। इस बार भी 11 जुलाई से नौ अगस्त श्रावणी पूर्णिमा तक संपूर्ण श्रावण मास में भगवान के जलाभिषेक का सिलसिला चलेगा। दूरदराज से सैकड़ों किलोमीटर की पद यात्रा करते हुए महाकाल के दर आने वाले कांवड़ यात्रियों को भगवान के जलाभिषेक में किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो, इसलिए इनके प्रवेश की व्यवस्था चार नंबर गेट से की गई है। इस विशेष द्वार से कांवड़ यात्री मंदिर में प्रवेश कर विश्राम धाम, सभा मंडप के रास्ते गणेश व कार्तिकेय मंडपम् में पहुंचेंगे तथा यहां लगे जलपात्र से जल अर्पण कर निर्धारित व्यवस्था अनुसार मंदिर के बाहर निकलेंगे। कावड़ यात्रियों को विशेष द्वार से प्रवेश की सुविधा सप्ताह में चार दिन मंगलवार से शुक्रवार तक सुबह छह बजे से शाम 4 बजे तक मिलेगी। शनिवार, रविवार व सोमवार को अत्यधिक भीड़ होने से यह व्यवस्था स्थगित रहेगी। हालांकि कांवड़ यात्री भीड़ भरे इन दिनों में भी भगवान महाकाल का जलाभिषेक कर सकेंगे। इसके लिए उन्होंने श्री महाकाल महालोक के नंदी द्वार से सामान्य दर्शनार्थियों की कतार में लगना पड़ेगा। दो स्थानों पर लगेंगे जल पात्र श्रावण में भगवान महाकाल का जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर में दो स्थान सभा मंडप व कार्तिकेय मंडपम में जल पात्र लगाए जाएंगे। भक्त इन पात्रों में जल अर्पण करेंगे और जल पाइप के माध्यम से भगवान को अर्पित होगा। बता दें आम दिनों में भगवान महाकाल को केवल आरओ जल ही अर्पित किया जाता है। विनोद उपाध्याय / 30 जून, 2025