01-Jul-2025
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विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा- दोनों पक्षों को एक साझा आधार ढूंढना होगा वाशिंगटन,(ईएमएस)। अमेरिका पहुंचे भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत-अमेरिका के रिश्तों में मतभेद और टकराव हो सकते हैं, लेकिन दोनों देशों को संबंधों को लगातार आगे बढ़ाते रहना होगा। एक अमेरिकी मैगजीन से बातचीत में जयशंकर ने दोनों देशों के ट्रेड डील, यूक्रेन युद्ध, और इंडो-पैसिफिक में भारत की भूमिका को लेकर खुलकर अपनी बात रखी। जयशंकर ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर वार्ता अंतिम दौर में है, लेकिन इसमें सफलता की गारंटी नहीं दी जा सकती क्योंकि बातचीत में दूसरा पक्ष भी शामिल है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को एक साझा आधार ढूंढना होगा और आने वाले कुछ दिनों में तस्वीर साफ हो जाएगी। उन्होंने भारत की आर्थिक प्रगति पर कहा कि देश में इस समय एक गहरा परिवर्तन हो रहा है। हमने पिछले 50-60 सालों की तुलना में हाल के वर्षों में दोगुनी गति से विकास किया है। जब तक यह सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन नहीं होता, भारत वैश्विक निवेश के लिए एक विश्वसनीय गंतव्य नहीं बन सकता। जयशंकर ने रुस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख को लेकर कहा कि 2022 में हमने कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है और इस संकट का हल युद्ध के मैदान में नहीं निकलेगा। उस समय यह लाइन लोकप्रिय नहीं थी, लेकिन आज यूरोप भी यही कह रहा है कि बातचीत से हल निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत ने रूस और यूक्रेन दोनों से संवाद बनाए रखा और खाद्य सुरक्षा, उर्वरक आपूर्ति व ग्रेन कॉरिडोर जैसे विषयों पर समाधान में योगदान दिया। भारत रूस-ईरान दोनों से बात कर सकता है। जयशंकर ने भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता को लेकर कहा कि बहुत कम देश हैं जो रूस और ईरान जैसे देशों से सीधे बात कर सकते हैं। भारत एक लोकतांत्रिक राजनीतिक व्यवस्था है, बाजार आधारित अर्थव्यवस्था है और भविष्य की ओर देखने वाला समाज है। उन्होंने साफ किया कि भारत ‘पश्चिम विरोधी’ नहीं है और वह जी7 सम्मेलनों में भाग लेने से लेकर ब्रिक्स व क्वाड जैसे मंचों पर भी सक्रिय है। उन्होंने कहा कि बिल क्लिंटन से लेकर डोनाल्ड ट्रंप तक हर अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यकाल के अंत में भारत-अमेरिका संबंध पहले से बेहतर हुए हैं। उन्होंने याद दिलाया कि जब वह अमेरिका में भारत के राजदूत थे, तब एक भारतीय राजनयिक से जुड़ा विवाद एक बड़ा मुद्दा था, लेकिन इसके बावजूद दोनों देशों के रिश्ते मजबूत हुए। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत की रणनीति पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि क्वाड एक बहुत ही रोचक अंतरराष्ट्रीय मंच है। यह पहली बार ट्रंप प्रशासन में सक्रिय रूप से सामने आया था और चारों देश भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया समुद्री सुरक्षा, महामारी तैयारियों और अन्य रणनीतिक मामलों पर समान भागीदारी से काम कर रहे हैं। सिराज/ईएमएस 01जुलाई25 -------------------------------