अंतर्राष्ट्रीय
01-Jul-2025


-नौसेना में कमीशन किया गया आखिरी विदेशी युद्धपोत, अब सब कुछ होगा स्वदेशी कलिनिनग्राद,(ईएमएस)। भारतीय नौसेना को उसकी ताकत का नया तमाल मिल गया है। रूस के कलिनिनग्राद स्थित यांतर शिपयार्ड में निर्मित आईएनएस तमाल को आज यानी 1 जुलाई को भारतीय नौसेना में औपचारिक रूप से शामिल कर लिया गया। इस ऐतिहासिक मौके पर वाइस एडमिरल संजय जे. सिंह, वेस्टर्न नेवल कमांड के कमांडर-इन-चीफ, विशेष रूप से मौजूद रहे। रूस के कलिनिनग्राद में आयोजित भव्य समारोह में अत्याधुनिक स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस तमाल को आधिकारिक रूप से नौसेना में कमीशन किया गया। यह भारत-रूस रक्षा सहयोग की एक और बड़ी उपलब्धि है। आईएनएस तमाल महज एक स्टेल्थ मल्टी-रोल फ्रिगेट नहीं बल्कि यह एक युग के अंत और नए स्वदेशी युग की शुरुआत का प्रतीक बन गया है। यह विदेश में निर्मित आखिरी वॉरशिप है जिसे भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है। अब भारत की रक्षा निर्माण नीति पूरी तरह से आत्मनिर्भर भारत के सिद्धांतों पर आधारित होगी। आईएनएस तमाल की खासियतें ब्रह्मोस मिसाइल से लैस – दुनिया की सबसे खतरनाक सुपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल एंटी-सबमरीन वारफेयर: रॉकेट और टॉरपीडो से लैस है। इसका वजन 3900 टन और गति 30 नॉटिकल मील/घंटा है, जिसकी मारक क्षमता 3000 किमी की दूरी तय करने में सक्षम बताई गई है। इसमें एक हेलीकॉप्टर तैनात करने की सुविधा है और स्टील्थ डिजाइन यानी दुश्मन के रडार से बचने की उन्नत तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। ‘तमाल’ से क्या है आशय ‘तमाल’ एक तरह की तलवार को कहा जाता है — और यह युद्धपोत सच में समंदर में एक तेज धार वाली तलवार की तरह काम करेगा। यह पश्चिमी समुद्री क्षेत्र में गुजरात से लेकर महाराष्ट्र तक भारत की समुद्री सीमा की सुरक्षा में तैनात रहेगा। आईएनएस तमाल दरअसल तलवार क्लास का हिस्सा है, जो रूस के सहयोग से विकसित किया गया है। यह क्लास 2003 से भारतीय नौसेना में शामिल है। यहां बताते चलें कि आईएनएस तमाल, आईएनएस तुशिल के बाद इस सीरीज का दूसरा जहाज है। इस क्लास के 6 जहाज पहले से सक्रिय हैं, जिनमें से 4 को ब्रह्मोस से लैस किया जा चुका है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद समय पर डिलीवरी रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण आईएनएस तमाल की डिलीवरी को लेकर चिंता थी। हालांकि, जहाज में प्रयुक्त यूक्रेनी इंजन युद्ध से पहले ही डिलीवर किए जा चुके थे, जिससे निर्माण और डिलीवरी में कोई देरी नहीं हुई। ‘आत्मनिर्भर नौसेना’ की ओर बड़ा कदम आईएनएस तमाल के साथ विदेशी युद्धपोत आयात का अध्याय समाप्त हो गया है। अब भारतीय नौसेना के लिए सभी युद्धपोत स्वदेश में ही तैयार किए जाएंगे, जिनमें अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी, ब्रह्मोस, राफेल-मरीन और स्वदेशी रडार-डिफेंस सिस्टम का उपयोग होगा। अंतत: आईएनएस तमाल महज एक युद्धपोत नहीं, आत्मनिर्भर भारत का नया स्तंभ है। यह भारत की समुद्री सीमाओं की रक्षा में एक नई धार देगा और भविष्य के लिए पूरी तरह स्वदेशी रक्षा शक्ति का संकेत है। हिदायत/ईएमएस 01जुलाई25