इंटरनेशनल फाइनेंशियल आर्किटेक्चर में सुधारों से समावेशिता और समानता को मिलेगा बढ़ावा सेविले (ईएमएस)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत समावेशिता और समानता को बढ़ाने के लिए मल्टीलेटेरल डेवलपमेंट बैंक (एमडीबी) सुधारों और निष्पक्ष क्रेडिट रेटिंग सिस्टम सहित इंटरनेशनल फाइनेंशियल आर्किटेक्चर में सुधारों का समर्थन करता है। वित्त मंत्री सीतारमण ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित फाइनेंसिंग फॉर डेवलपमेंट की चौथी इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के दौरान तीसरी बैठक में कहा कि एमडीबी लेंडिंग दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों के साथ जोड़ा जाना चाहिए। साथ ही इसे मजबूत निगरानी फ्रेमवर्क में लाना सुनिश्चित करना चाहिए ताकि फंड का सही इस्तेमाल हो सके। उन्होंने कहा कि हम टैक्स सिस्टम को आधुनिक बनाने और अवैध वित्तीय प्रवाह को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग का समर्थन करते हैं। भारत के व्यापक कर सुधारों और कर प्रशासन में डिजिटल परिवर्तन ने राजस्व में वृद्धि की है और अनुपालन लागत को कम किया है। हमारा मानना है कि विनियमन इनोवेशन और स्थिरता को बढ़ावा देता है। भारतीय वित्तीय प्रणाली खासकर एमएसएमई के लिए आसान ऋण और कम अनुपालन लागत के माध्यम से समावेशिता को बढ़ावा देती है। हमने इंफ्रास्ट्रक्चर में स्टार्ट-अप और पीपीपी के लिए एक गतिशील इकोसिस्टम विकसित किया है। उन्होंने कहा कि लक्षित नीतिगत हस्तक्षेपों के माध्यम से हमने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है और समावेशी डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से समुदायों को सशक्त बनाया है। हम साउथ-साउथ और त्रिकोणीय सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एफएफडी बैठकों के दौरान यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक (ईआईबी) की अध्यक्ष नादिया कैल्विनो से मुलाकात की। बैठक के दौरान, कई मुद्दों पर चर्चा की गई, जिसमें भारत में ईआईबी के विस्तारित पोर्टफोलियो - सात मेट्रो परियोजनाएं और एक शहरी रेल परियोजना, जल और स्वच्छता जैसे अन्य क्षेत्रों में विविधता लाने जैसे मुद्दे शामिल थे। सतीश मोरे/02जुलाई