लेख
02-Jul-2025
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डोनाल्ड ट्रंप का प्रस्तावित बिग ब्यूटीफुल बिल से अमेरिकी संसद में तूफान खड़ा हो रहा है। इसे ट्रंप प्रशासन की दूसरी पारी का ब्लूप्रिंट माना जा रहा है। जो उनके चुनावी वादों को पूरा करने के रूप में देखा जा रहा है। इस बिल के पीछे की सच्चाई और इसके संभावित परिणामों को लेकर अमेरिका तथा भारत जैसे देशों के लिए इस बिल के परिणाम बड़े घातक हो सकते हैं। इस बिल का मुख्य उद्देश्य टैक्स कटौती, सीमा सुरक्षा, और सामाजिक योजनाओं में बदलाव के ज्यादा अधिकार राष्ट्रप‎ति को देता है। इसमें सरकार द्वारा 2017 के टैक्स कट्स को स्थायी करने, व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट टैक्स दरों में कमी करने ओवरटाइम व टिप्स पर टैक्स छूट जैसे प्रावधान शा‎मिल हैं। इस बिल में बॉर्डर, अवैध प्रवासियों के डिपोर्टेशन के लिए 4.5 ट्रिलियन डॉलर का भारी-भरकम खर्च प्रस्तावित है। दूसरी ओर सरकार मेडिकेड और खाद्य सुरक्षा जैसी योजनाओं में कटौती कर सकती है। जिसके कारण गरीब और मध्यम वर्ग को भारी नुकसान होना तय है। भारत एवं भारतीयों के लिए सबसे चिंताजनक विदेशी धन-प्रेषण पर 3.5 से 5% टेक्स भारतीय-अमेरिकी समुदाय को सीधे प्रभावित करेगा। भारत को भेजे जाने वाले धन पर यह टैक्स भारतीय रुपये को और भी कमजोर कर सकता है। जिसका असर भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ना तय है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह बिल उनके धनाढ्य समर्थकों और पूंजीपतियों के लिए को फायदा पहुंचाने का बिल माना जा रहा है। भारत में ‎जिस तरह से इलेक्ट्रोल बांड के माध्यम से राजनै‎तिक दलों के ‎लिये ‎बिल लाया गया था, इस ‎बिल के माध्यम से मोदी सरकार को सबसे ज्यादा चंदा ‎मिला। चंदे के आधार पर ठेके ‎दिये गए। ‎बिग ब्यूटी ‎बिल के माध्यम से ट्रम्प को जो अ‎धिकार ‎मिलेंगे, उससे वह चंदा और प‎रिवार के ‎निजी कारोबार को बढ़ाने के ‎लिये उपयोग करेंगे। यह आशंका अमे‎रिका में व्यक्त की जा रही है। डेमोक्रेट्स इसे अमीरों का बिल बता रहे हैं। वहीं रिपब्लिकन भी अमेरिका के ऊपर बढ़ते कर्ज जो 2.4 से 4 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गया है, उसको लेकर चिंतित हैं। अमेरिकी सांसद बर्नी सैंडर्स ने इस ‎बिल को भ्रष्ट वित्त प्रणाली का प्रतीक बताया है। उनका कहना है राष्ट्रपति ट्रंप अपने अरबपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए इस बिल को पास कराने जा रहे है। राष्ट्रपति और ट्रंप के पूर्व सहयोगी एलन मस्क ने भी इसका विरोध किया है। इस ‎विरोध के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के बीच तकरार बढ़ी है। एलन मस्क ने धमकी दी है, वह अमेरिका मैं तीसरी पार्टी बनाएंगे। वहीं राष्ट्रपति ट्रंप ने एलन मस्क को अमेरिका से बाहर निकालने तक की बात कह दी है। भारत के लिए यह बिल बिग एंड बैड साबित हो सकता है। भारत सरकार की खामोशी हैरान करने वाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस बिल के बारे में अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। उनकी चुप्पी से यह धारणा बनने लगी है, भारत अमेरिकी दबाव के सामने नतमस्तक है? गौतम अडानी जैसे कारोबारियों के हितों की रक्षा में क्या भारत सरकार राष्ट्रीय हितों को नजरअंदाज कर रही है? यह बिल अमेरिकी संसद में पारित होने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका दूरगामी दुष्प्रभाव होगा। भारत सरकार का मौन न केवल निराशाजनक है, बल्कि भारत सरकार की अर्थव्यवस्था एवं भारतीयों के लिए यह बिल खतरनाक भी है। ट्रंप के लिए यह बिल उनकी सत्ता और उनके प‎रिवार के कारोबार को बढ़ाने के लिए हो सकता है। भारत सहित दुनिया के कई देशों के लिए यह बिल आर्थिक फंदा बन सकता है। अमेरिका के माध्यम और गरीब वर्ग के लिए भी इस बिल से भारी नुकसान होने की संभावना है। जिसके कारण अमेरिका में इस बिल का बड़े पैमाने पर विरोध शुरू हो गया है। इस बिल से भारत की प्रभावित हो रहा है। भारत सरकार की चुप्पी से सभी को आश्चर्य हो रहा है। भारत सरकार को भारतीय मूल के नागरिकों और भारत के आर्थिक एवं राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के लिए तुरंत सक्रिय होने की आवश्यकता है। एसजे/ 2 जुलाई /2025