मध्यम और निम्न-मध्यम वर्गीय परिवारों को मिलेगा फायदा नई दिल्ली,(ईएमएस)। महंगाई की मार झेल रही जनता के लिए राहत की खबर है। केंद्र सरकार जल्द ही जीएसटी दरों में बदलाव करने जा रही है, जिससे रोजमर्रा इस्तेमाल में आने वाली कई चीजें सस्ती हो सकती हैं। सूत्रों के मुताबिक सरकार 12 फीसदी जीएसटी स्लैब को खत्म करके इसे 5 फीसदी के निचले स्लैब में लाने का प्रस्ताव तैयार कर रही है। अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो इससे मध्यम और निम्न-मध्यम वर्गीय परिवारों को बहुत फायदा मिलेगा। अगर सरकार 5 फीसदी जीएसटी स्लैब का विस्तार करती है, तो कई उपयोगी और रोजमर्रा की चीजों की कीमतों में गिरावट आ सकती है। इनमें 1000 से कम कीमत वाले जूते और कपड़े, घी, मक्खन, पनीर, डेयरी स्प्रेड, प्रोसेस्ड मांस और मछली, डेयरी ड्रिंक्स, टॉफी-कैंडी, सिरका, नमकीन, भुजिया, सोया बरी, फ्रूट जेली, सूखे मेवे, सब्जियां, मशरूम, 20 लीटर की सीलबंद पानी की बोतलें, पेंसिल, चश्मा, कॉटन हैंडबैग, खेल के सामान, पास्ता, मैकरोनी, नूडल्स शामिल हो सकते हैं। कई चीजें अब सस्ते दाम पर मिलने की संभावना है। ऐसा माना जा रहा है कि यह बदलाव आम लोगों के लिए राहत लेकर आ सकता है, लेकिन राज्यों की सहमति इसके क्रियान्वयन के लिए जरूरी होगी। चूंकि 12फीसदी टैक्स स्लैब को हटाने से राज्यों को मिलने वाले टैक्स रेवेन्यू पर असर पड़ सकता है, इसलिए केंद्र को उन्हें विश्वास में लेना पड़ेगा। वित्त मंत्री ने पहले भी संकेत दिए थे कि सरकार मध्यम और निम्न आय वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेगी। सरकार के पास एक और विकल्प है 12 फीसदी टैक्स स्लैब को खत्म करके वस्तुओं को या तो 5 फीसदी या फिर 18 फीसदी स्लैब में शामिल करना। अगर सरकार जरूरी और जन-उपयोगी वस्तुओं को 5 फीसदी स्लैब में डालती है, तो इससे आम उपभोक्ताओं पर पड़ने वाला मुद्रास्फीति का असर काफी हद तक कम हो सकता है। यह महत्वपूर्ण प्रस्ताव अगली जीएसटी काउंसिल बैठक में लाया जा सकता है। बैठक में इस बात पर विचार होगा कि किन वस्तुओं को 5 फीसदी स्लैब में लाया जाए और राज्यों को किस तरह से टैक्स नुकसान की भरपाई की जाए। सिराज/ईएमएस 03जुलाई25 ----------------------------------