राष्ट्रीय
03-Jul-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा, जो पहले तय कार्यक्रम से एक सप्ताह अधिक लंबा होगा। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस सत्र को आहूत करने के सरकारी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस समारोह को देखते हुए 13 और 14 अगस्त को संसद की बैठक नहीं होगी। पहले यह सत्र 12 अगस्त को समाप्त होना था, लेकिन अब इसकी अवधि बढ़ाए जाने से सत्र में महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा की संभावना मजबूत हो गई है। परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी भागीदारी पर सरकार की नजर सरकार इस सत्र में परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने संबंधी महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने की तैयारी में है। इसके तहत, परमाणु ऊर्जा अधिनियम, सिविल दायित्व अधिनियम, 2010 में संशोधन की योजना बनाई गई है। केन्द्रीय बजट में की गई घोषणा के अनुरूप इन संशोधनों से निजी निवेश को सुगम बनाने का प्रयास होगा। इन मुद्दों पर घिर सकती है सरकार मानसून सत्र शुरू होने से पहले ही विपक्षी दलों ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर संसद में चर्चा की मांग तेज कर दी है। यह अभियान 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर की गई जवाबी कार्रवाई से जुड़ा है। इसके साथ ही विपक्ष ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे पर भी सवाल उठाए हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया है। यह अलग बात है कि सरकार ने इसका खंडन किया और कहा कि भारत ने कभी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की है। संसद के मानसून सत्र की अवधि बढ़ाए जाने से यह माना जा रहा है कि इस बार संसद में नीति, सुरक्षा और विदेशी मामलों से जुड़े कई बड़े मुद्दों पर विस्तृत चर्चा और बहस होगी। साथ ही, विपक्ष भी सरकार को ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिका से जुड़े कूटनीतिक मुद्दों पर घेरने की पूरी तैयारी में है। हिदायत/ईएमएस 03जुलाई25