व्यापार
03-Jul-2025
...


वाशिंगटन,(ईएमएस)। भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने अमेरिका द्वारा रूसी तेल के प्रमुख खरीदारों पर 500 प्रतिशत टैरिफ लगाने की योजना पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भारत उस समय उचित कदम उठाएगा, जब यह मामला सामने आएगा। दरअसल जयशंकर अमेरिका के चार दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने साफ किया कि भारत ने अमेरिका के उस सांसद के सामने अपनी ऊर्जा सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर कर दी है, जो कि रूस से व्यापार करने वाले देशों पर 500 प्रतिशत शुल्क लगाने वाला विधेयक पेश किया है। जयशंकर ने कहा, इसतरह के घटनाक्रम, जो भारत के हित में हों या उस पर प्रभाव डाल सकते हों, हम उन्हें बेहद करीब से ट्रैक करते हैं। उन्होंने बताया कि भारत और भारतीय दूतावास अमेरिकी रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम के संपर्क में हैं। ग्राहम वहीं सीनेटर हैं, जिन्होंने यह सख्त विधेयक लेकर आए है। विधेयक पेश कर उन्होंने विशेष रूप से भारत और चीन का नाम लेकर आरोप लगाया था कि ये देश मिलकर पुतिन का 70 प्रतिशत तेल खरीद रहे हैं। जयशंकर ने कहा, मुझे लगता है कि हमारे देश को अपनी ऊर्जा सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं और हितों को ग्राहम के साथ स्पष्ट रूप से साझा किया है। अब यह देखना होगा कि यह बिल कितना आगे बढ़ता है। जब समय आएगा, तब इस पर फैसला लिया जाएगा। राष्ट्रपति ट्रंप इस विधेयक को समर्थन दे चुके हैं। यह विधेयक उन देशों पर 500 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने की मांग करता है, जो अब भी रूस से व्यापार कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह विधेयक अमेरिका की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके जरिए वह रूस पर यूक्रेन युद्ध को लेकर बातचीत के लिए दबाव बनाना चाहता है। अगर यह विधेयक पास हो जाता है, तब भारत से अमेरिका को होने वाला निर्यात बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। 500 प्रतिशत शुल्क भारतीय व्यापार के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा। इस बीच, भारत और अमेरिका एक व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में काम कर रहा हैं। इस समझौते का उद्देश्य ट्रंप द्वारा अप्रैल में घोषित 26 प्रतिशत जवाबी टैरिफ से बचना है। अगर यह समझौता हो जाता है, तब भारतीय निर्यातकों को अमेरिका में बड़ी राहत मिल सकती है। भारत की रूस से कच्चे तेल की खरीद लगातार बढ़ रही है। मई 2025 में यह आयात 1.96 मिलियन बैरल प्रतिदिन तक पहुंच गया, जो पिछले 10 महीनों में सबसे अधिक है। अब स्थिति यह है कि भारत ने पश्चिम एशियाई देशों से ज्यादा तेल रूस से खरीदना शुरू कर दिया है। आशीष दुबे / 03 जुलाई 2025