राज्य
03-Jul-2025


पटना, (ईएमएस)। बिहार में राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने दाखिल-खारिज की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुव्यवस्थित बनाने के लिए बड़ा निर्णय लिया है। अब किसी भूमि के दाखिल-खारिज आवेदन को अगर एक बार अंचलाधिकारी द्वारा अस्वीकृत कर दिया गया है तो उसे पुनः अंचल स्तर से स्वीकृत नहीं किया जा सकेगा। इस संदर्भ में राजस्व विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं। नई प्रक्रिया के मुताबिक अब यदि कोई दाखिल-खारिज आवेदन अस्वीकृत होता है तो राजस्व कर्मचारी उस भूमि से जुड़े खाता, खेसरा, केवाला और क्रेता आदि की जांच करेंगे। इसके बाद वे अस्वीकृति की अनुशंसा अंचलाधिकारी से करेंगे। अंचलाधिकारी इस पर डीसीएलआर कोर्ट में अपील की सलाह देते हुए आवेदन को अंतिम रूप से अस्वीकृत कर देंगे। मालूम हो कि पहले अंचलाधिकारी द्वारा अस्वीकृत किए गए आवेदनों को कुछ मामलों में फिर से अंचल स्तर पर ही गलत तरीके से स्वीकृति दी जा रही थी। विभाग की समीक्षा में सामने आया कि एक ही खाता-खेसरा की जमीन पर बार-बार नए आवेदन देकर प्रक्रिया को बाधित किया जा रहा था। इससे नए आवेदनों की सुनवाई में देरी हो रही थी और सिस्टम में गड़बड़ी आ रही थी। इसलिए अब अस्वीकृत आवेदनों की दूसरी बार सुनवाई अंचल स्तर पर नहीं होगी। केवल उच्च स्तर, जैसे डीसीएलआर कोर्ट पर ही अपील की जा सकेगी। संतोष झा- ०३ जुलाई/२०२५/ईएमएस