अंतर्राष्ट्रीय
04-Jul-2025
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इस्लामाबाद (ईएमएस)। भारत और पाकिस्तान के सैन्य और परमाणु क्षमताओं की तुलना करें तो दोनों देशों के पास आधुनिक हथियार प्रणालियां और परमाणु शस्त्रागार हैं। वैसे तो भारत की सैन्य क्षमता के आगे पाकिस्तान कहीं नहीं टिकता लेकिन कुछ ऐसे हथियार हैं, जिनका तोड़ भारत के अभी तलाश रहा है। भारत की सैन्य क्षमता, खासतौर पर पारंपरिक और परमाणु हथियारों में, पाकिस्तान से बेहतर है लेकिन कुछ मामलों में पाकिस्तान की कुछ हथियार प्रणालियां ऐसी हैं, जो भारत के लिए चुनौती पेश कर सकती हैं। चलिए जानते हैं उन्हीं हथियारों के बारे में। पाकिस्तान ने इधर कुछ सालों में चीन से जे-10सी फाइटर जेट्स हासिल किए हैं, जो एडवांस रडार और पीएल-15 हवा-से-हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस हैं। पीएल-15 की मारक क्षमता 90 मील यानि लगभग 145 किमी या उससे भी ज्यादा है, जो भारत के पास मौजूद एआईएम-120 अमराम मिसाइलों की तुलना में लंबी दूरी प्रदान करती है। मई 2025 के भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के दौरान जे-10सी ने भारतीय राफेल जेट्स को निशाना बनाया था। भारत के पास राफेल और मिराज-2000 जैसे बेहतरीन फाइटर जेट हैं लेकिन पीएल-15 की लंबी दूरी भारत की हवाई रक्षा रणनीति को चुनौती दे सकती है। पाकिस्तान के पास नस्र (हत्फ-9) जैसी कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जिनकी मारक क्षमता 70 किमी है और ये सामरिक परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं। ये हथियार भारत की कोल्ड स्टार्ट रणनीति यानि सीमा पार तेज़ी से हमले का जवाब देने के लिए बनाई गई हैं। भारत के पास सामरिक परमाणु हथियारों का कोई तोड़ नहीं है क्योंकि भारत की परमाणु नीति नो फर्स्ट यूज़ और बड़े पैमाने पर जवाबी हमले पर केंद्रित है। पाकिस्तान की यह क्षमता भारत के लिए चुनौती हो सकती है, क्योंकि भारत की एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली कम दूरी की मिसाइलों को रोकने में पूरी तरह प्रभावी नहीं हो सकती। पाकिस्तान ने चीन से एचक्यू-9पी और एचक्यू-16 सतह-से-हवा मिसाइल प्रणाली हासिल की है। हालांकि, मई 2025 के संघर्ष में भारतीय हमलों ने इन प्रणालियों को नष्ट कर दिया, जिससे उनके प्रभाव पर सवाल उठे। बावजूद इसके ये भारत के लिए टेम्परेरी चैलेंज तो हैं ही। भारत की एस-400 प्रणाली इनसे ज्यादा एडवांस है लेकिन इनकी तैनाती भारत के एयर स्ट्राइक के लिए चुनौती बन सकती है। वीरेंद्र/ईएमएस 04 जुलाई 2025