अंतर्राष्ट्रीय
04-Jul-2025
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.......क्या अब भारत भी चलेगा पुतिन की राह पर मॉस्को (ईएमएस)। रूस तालिबान सरकार को औपचारिक मान्यता देने वाला पहला देश बन गया। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के ऑर्डर से मॉस्को ने तालिबान को अपनी प्रतिबंधित संगठनों की सूची से हटाया है। इसके साथ ही नए युग की शुरुआत हो गई है। सोवियत संघ के समय अफगानिस्तान भंवर में फंस गया था। ये रूस और अमेरिका के बीच शीत युद्ध का अड्डा बन गया था। तब सोवियत संघ ने अपनी आर्मी वहां भेज दी थी। इससे निपटने के लिए अमेरिका ने पाकिस्तान की मदद से मुजाहिदीन तैयार किए। जब रूसी सेना वहां से हटी, तब अफगानिस्तान को इसका परिणाम झेलना पड़ा। दशकों तक आपसी नस्लीय लड़ाई में पिसने का फायदा उठाकर पाकिस्तान ने तालिबान को उकसाया और अफगानिस्तान पर उसका कब्जा हो गया। अब पुतिन के फैसले को मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है। रूस से भारत की दोस्ती जगजाहिर है। ऑपरेशन सिंदूर के समय पाकिस्तान के दावों पर तालिबान ने भी हमारा साथ दिया। बिक्रम मिस्री तालिबान विदेश मंत्री से मिल भी चुके हैं। तालिबान सरकार ने रूस के इस कदम को बहादुरी वाला बताया है। अफगान विदेश मंत्री मुत्ताकी ने कहा कि रुस का यह साहसी फैसला दूसरों के लिए एक मिसाल बनेगा। अब मान्यता की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, रूस सबसे आगे रहा। तालिबान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जिया अहमद तकाल ने कहा कि रूस पहला देश है जिसने इस्लामिक अमीरात को आधिकारिक मान्यता दी है। रूस के अफगानिस्तान मामलों के विशेष प्रतिनिधि जामिर काबुलोव ने रिया नोवोस्ती ने तालिबान सरकार को मान्यता देने की पुष्टि की है। आशीष दुबे / 04 जुलाई 2025