क्षेत्रीय
04-Jul-2025
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रायपुर,(ईएमएस)। छत्तीसगढ़ केवल धान का कटोरा ही नहीं, बल्कि खनिज संपदा का भी धनी प्रदेश है। जो देश की ऊर्जा व औद्योगिक आवश्यकताओं की रीढ़ है। यह कहना है रायपुर सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल का जिन्होंने हैदराबाद में कोयला तथा खान मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति की बैठक में भाग लिया। इस बैठक में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी तथा केंद्रीय राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे समेत समिति सदस्य और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक के पहले सत्र में “खनन से आगे: खदान बंदी एवं पुनः उपयोग” और दूसरे सत्र में “भारत में खनिज अन्वेषण” विषयों पर गंभीर चर्चा हुई। श्री अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ में खनिज क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं और संभावनाओं को पूरे तथ्यात्मक रूप में सामने रखा। श्री अग्रवाल ने कोयले की चोरी को गंभीर समस्या बताया और हर खदान में डेटा निगरानी प्रणाली स्थापित करने की आवश्यकता जताई। साथ ही सभी वजन पुलों को किसी अधिकृत निकाय के अधीन संचालित किए जाने की मांग की। बैठक के दूसरे सत्र में उन्होंने छत्तीसगढ़ में खनिज अन्वेषण की दिशा में गंभीर प्रयासों की आवश्यकता जताई। श्री अग्रवाल ने बताया कि, गरियाबंद जिले के पायलीखंड क्षेत्र को दुनिया की सबसे समृद्ध हीरा खदानों में माना जाता है। जशपुर जिले के तुमला गांव में भी हीरे के भंडार मौजूद हैं। राज्य में प्राकृतिक हीरे, अलेक्जेंड्राइट, गार्नेट, बेरिल, क्वार्ट्ज़, एमेथिस्ट जैसे बहुमूल्य रत्न पाए जाते हैं। साथ ही राज्य में लीथियम और अन्य खनिज भंडार की प्रबल संभावना है। उन्होंने कहा कि राज्य के संसाधनों का उपयोग स्थानीय युवाओं को रोज़गार, क्षेत्रीय विकास और राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर किया जाए। वह भी विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखते हुए। उन्होंने मांग की कि छत्तीसगढ़ में माइनिंग ब्यूरो की स्थापना की जाए और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) एवं राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (NMDC) के क्षेत्रीय कार्यालय खोले जाएं ताकि राज्य की खनिज संभावनाओं का दोहन वैज्ञानिक और पारदर्शी तरीके से हो सके। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बंद पड़ी खदानों को सुरक्षित और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से पुनः उपयोग लायक बनाया जाएगा। राज्य सरकार को भी इस दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए पत्र लिखा जाएगा। सत्यप्रकाश/किसुन/4 जुलाई 2025