व्यापार
05-Jul-2025


- भारत के लिए टिकाऊ वृद्धि का अहम स्रोत डिजिटली मजबूत होने में है नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत का तेजी से विकास हो रहा है और वह मध्यम आय से उच्च आय वाली अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। केवल चुनिंदा दक्षिणपूर्वी एशियाई देश मसलन सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग, ताइवान और दक्षिण कोरिया ने ही सफलतापूर्वक यह हासिल किया है। भारत के लिए टिकाऊ वृद्धि का अहम स्रोत डिजिटली मजबूत होने में है और इसके लिए मजबूत डेटा संरक्षण आवश्यक है। तेजी से उभरते टेक क्षेत्र और 108 यूनिकॉर्न के साथ भारत में प्रौद्योगिकी को अपनाने की प्रक्रिया तेज गति से चल रही है। ब्लॉकबस्टर एबीसीडी तकनीकों –आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, क्लाडड एडॉप्टेशन और डेटा एनालिटिक्स की परिवर्तनकारी क्षमताएं तो पूरी तरह निर्विवाद हैं और वे तेजी से हमारे रोजमर्रा के जीवन में पैठ बना रही हैं। अब हम अपने ऊपर एआई के प्रभाव को लेकर पहले की तरह लापरवाह नहीं रह सकते। चाहे बात खुदरा क्षेत्र की हो, अस्पतालों की, कृषि की या हमारी रक्षा प्रणालियों की। इसके बावजूद एक अहम चुनौती अभी तक अनसुलझी है और वह है डेटा संप्रभुता। तकनीक वैश्विक आर्थिक व्यवस्था को निरंतर नया आकार दे रही है ऐसे में भारत को अपने विचारों को नए सिरे से सुसंगत बनाना होगा और इस बात को ध्यान में रखना होगा कि हमारा डिजिटल भविष्य सुनिश्चित करने का काम बाह्य संस्थाओं द्वारा नहीं तय होना चाहिए बल्कि उसकी बुनियाद सुरक्षित, संप्रभु और आत्मनिर्भर डेटा संचालन पर होनी चाहिए। नए व्यापारिक शुल्कों और पहलगाम जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में सख्त सुरक्षा को देखते हुए डेटा सुरक्षा केवल नियामकीय चुनौती नहीं रह गई है। अब यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला है। सतीश मोरे/05जुलाई ---