प्रयागराज,(ईएमएस)। उत्तर प्रदेश की पीलीभीत नगर निगम द्वारा समाजवादी पार्टी (सपा) के स्थानीय कार्यालय को खाली कराने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विचार करने से इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि चूंकि याचिकाकर्ता पहले ही मामले को लेकर दीवानी न्यायालय का दरवाजा खटखटा चुका है, इसलिए एक ही मुद्दे पर दोहरी राहत नहीं मांगी जा सकती। न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने समाजवादी पार्टी की रिट याचिका को प्रत्यक्ष रूप से अस्वीकार कर कहा कि यदि याचिकाकर्ता पहले से दीवानी अदालत में पक्षकार है, तब उच्च न्यायालय में समानांतर राहत की मांग स्वीकार नहीं हो सकती। क्या हैं विवाद 12 नवंबर 2020 में पीलीभीत नगर निगम ने समाजवादी पार्टी को कार्यालय खाली करने का आदेश जारी किया। पार्टी का दावा है कि यह आदेश बिना सुनवाई का मौके दिए पारित किया था। 16 जून 2024 को सर्वोच्च न्यायालय ने मामले में सपा की याचिका खारिज कर पीलीभीत जिलाध्यक्ष को पुनः याचिका दायर करने से भी रोका था। वहीं पूरे मामले में समाजवादी पार्टी का कहना है कि पीलीभीत नगर निकाय का आदेश एकतरफा और अनुचित है, और यह उनके राजनीतिक अधिकारों का हनन करता है। आशीष दुबे / 05 जुलाई 2025