राष्ट्रीय
05-Jul-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर 13 जुलाई से चीन के तीन दिवसीय दौरे पर जा रहे है। इस दौरान वे द्विपक्षीय और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठकों में भाग लेने वाले है। यह दौरा तब हो रहा है जब भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में गश्त के अधिकारों पर सहमति के बाद संबंधों को सामान्य करने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले साल अक्टूबर में इस मुद्दे पर सहमति बनी थी, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान कजान में हुई थी। जयशंकर का यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह गलवान झड़पों के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों को पटरी पर लाने की कोशिश का हिस्सा है। उम्मीद है कि इस दौरे से भारत और चीन के रिश्तों में सुधार आएगा। बात दें कि जयशंकर तियानजिन में एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने वाले है। यह बैठक 1 सितंबर को होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन से पहले हो रही है, जिसके लिए चीन ने प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित किया है। जयशंकर बीजिंग में चीन के कई नेताओं से मुलाकात करने और आपसी सहयोग पर बातचीत करने वाले है। इस दौरे का मुख्य लक्ष्य दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों को सामान्य करना है। इसके तहत कैलाश मानसरोवर यात्रा पांच साल के बाद फिर से शुरू हो गई है, और दोनों देश सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने पर भी बातचीत कर रहे हैं। दरअसल जयशंकर के दौरे के बाद, चीनी विदेश मंत्री वांग यी भी इसी महीने भारत आ सकते हैं। वे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ सीमा वार्ता कर सकते है। डोभाल इससे पहले दिसंबर 2024 में और पिछले महीने एससीओ एनएसए की बैठक में भाग लेने के लिए चीन जा चुके हैं। विदेश सचिव विक्रम मिसरी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी हाल ही में चीन का दौरा कर चुके हैं। आशीष दुबे / 05 जुलाई 2025