चम्पावत,(ईएमएस)। उत्तराखंड से कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए शनिवार को पहला दल रवाना हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टनकपुर पर्यटक आवास गृह से यात्रियों को हरी झंडी दिखाकर यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं। इस दल में 11 राज्यों के 45 श्रद्धालु शामिल हैं, जिनमें 32 पुरुष और 13 महिलाएं हैं। मुख्यमंत्री धामी ने यात्रियों का पारंपरिक रूप से स्वागत किया और उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ा स्मृति चिह्न भी भेंट किया। उन्होंने श्रद्धालुओं से संवाद करते हुए देवभूमि उत्तराखंड में उनका हार्दिक स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कैलाश मानसरोवर यात्रा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मिक और आध्यात्मिक जागरण का मार्ग है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा उन चंद भाग्यशाली लोगों को ही नसीब होती है जो भोलेनाथ की कृपा से इसे पूर्ण कर पाते हैं। मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य, भोजन, आवास, सुरक्षा और परिवहन समेत हर स्तर पर पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। सभी पड़ावों पर आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित किए गए हैं, जिससे किसी भी श्रद्धालु को कोई असुविधा न हो। सीमाओं से परे शिव साक्षात्कार मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि पहले जहां इस यात्रा को पूरा करने में सात दिन या उससे अधिक का समय लगता था, अब उन्नत कनेक्टिविटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर के चलते यह कुछ ही घंटों में संभव हो सकी है। उन्होंने कहा, कि यह यात्रा अब केवल भौगोलिक मार्ग नहीं रही, बल्कि सीमाओं को लांघकर शिव से साक्षात्कार का सशक्त माध्यम बन चुकी है। इन राज्यों से पहुंचे हैं श्रद्धालु कैलाश मानसरोवर यात्रा के पहले दल में छत्तीसगढ़, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सहित 11 राज्यों के यात्री शामिल हुए हैं। इन यात्रियों को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री धामी ने भगवान भोलेनाथ से सभी यात्रियों की सफल, मंगलमय और सुरक्षित यात्रा की कामना की। हिदायत/ईएमएस 05जुलाई25