नई दिल्ली,(ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू फिर से विवादों में घिर गए हैं। उन्होंने नेता जी सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने जहां नेताजी को जापान का और महात्मा गांधी को ब्रिटिश एजेंट बता दिया। उन्होंने जज के भ्रष्टाचार में शामिल होने को लेकर भी सफाई दी। उन्होंने न्यायालय की लेटलतीफी पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि नेता जी जापान के लिए काम करते थे। उन्होंने कई बार जापान की मदद की। वास्तव में बोस का इस्तेमाल जापानियों द्वारा हो रहा था, और वे उन्हें तभी मार देते, जब उनकी उपयोगिता खत्म हो जाती। लेकिन साल 1945 में जब जापान ने आत्म समर्पण किया, तब वे कहां चले गए, इसका पता अभी तक नहीं लग सका। इससे शक गहरा गया कि बोस जापान के एजेंट के रूप में काम करते थे। वहीं जस्टिस काटजू ने गांधी के बारे में कहा कि गांधी जी ब्रिटेन के एजेंट थे और उन्होंने राजनीति में धर्म को घुसाकर देश को बहुत नुकसान पहुंचाया। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश सरकार, फूट डालो राज करो नीति पर चलती थी और महात्मा गांधी इस नीति को बढ़ावा देते थे। गांधी जी की नीतियों की वजह से मुसलमानों का झुकाव मुस्लिम लीग की ओर बढ़ा था। गांधी जी ने भगत जी जैसे क्रांतिकारी के आंदोलन से ध्यान भटकाकर लोगों को सत्याग्रह की तरफ मोड़ दिया। काटजू ने गांधी के आर्थिक विचारों को प्रतिक्रियावादी और नोआखली जाने को भी पूरी तरह से ढोंग बताया। आशीष दुबे / 05 जुलाई 2025