तेहरान,(ईएमएस)। इजरायल-ईरान संघर्ष का अंत 24 जून को ही हो गया था, लेकिन ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई कहीं नजर नहीं आ रहे थे। इसको लेकर विदेशी मीडिया में हलचल तेज थी और कई तरह के सवाल पूछे जाने लगे थे। इशारों-इशारों में बात कही तो इजरायली मीडिया ने भी सवाल पूछना शुरू कर दिया। खबरों के अनुसार ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को न तो सार्वजनिक रूप से देखा गया, और न ही उनसे कोई बात हुई है। ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम के बावजूद खामेनेई अब तक सामने नहीं आए हैं। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई आशूरा से जुड़े एक शोक समारोह में शामिल हुए। ईरान-इजरायल युद्ध शुरू होने के बाद वह पहली बार सार्वजनिक से सामने आये थे। खामेनेई के सबके सामने नहीं आने से इजरायल द्वारा संभावित हमलों से पहले ईरानी नेता खामेनेई को दी गई कड़ी सुरक्षा का संकेत मिलता है। वॉशिंगटन स्थित मानवाधिकार कार्यकर्ता समूह के अनुसार, ईरान पर इजरायल के हमले में कम-से-कम 417 नागरिकों सहित 1,000 से अधिक लोग मारे गए। दावा किया जा रहा था 13 जून को जैसे ही इजरायल ने ईरान पर मिसाइल दागने शुरू किए, तभी खामेनेई को छिपा लिया गया था। दरअसल, उन्हें इस बात का डर था कि इजरायल उनकी हत्या की कोशिश कर सकता है। खामेनेई की सुरक्षा ईरान की स्पेशल सिक्योरिटी ‘सेपाह-ए-वली-ए-अम्र’ के हवाले है, जिसमें करीब 12 हजार बॉडीगार्ड्स रहते हैं। इन सभी की जिम्मेदारी अलग-अलग होती है। ईरान के परमाणु हथियार बनाने के मंसूबों को नाकाम करने के लिए इजरायल ने बीते 13 जून को तेहरान के कई न्यूक्लियर प्लांट को निशाना बनाया था, जिसके बाद दोनों देशों में जंग की शुरुआत हो गई। इजरायल ने दावा किया था कि उसने लगभग 30 ईरानी कमांडरों और 11 परमाणु वैज्ञानिकों को मार डाला, जबकि आठ परमाणु संबंधित प्रतिष्ठानों और 720 से अधिक सैन्य बुनियादी ढांचे के स्थलों को तबाह कर दिया। अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों पर 30,000 पौंड के ‘बंकर-बस्टिंग’ बम गिराने के बाद दोनों देशों में 24 जून को युद्ध-विराम कराया। वीरेंद्र/ईएमएस/06जुलाई2025