चीन ने कहा- अफगानिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के बाहर नहीं रखना चाहिए बीजिंग,(ईएमएस)। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को रूस ने मान्यता दी है इसके बाद अब चीन भी उस पर मेहरबान है, जो कि ट्रंप के लिए एक झटका है। अमेरिका ने तालिबान को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। ऐसे में चीन और रूस ने अपनी चाल से ट्रंप को मात दे दी है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि चीन अफगान जनता के लिए दोस्ताना कूटनीति जारी रखेगा और कई क्षेत्रों में चीन और अफगानिस्तान के आदान-प्रदान व सहयोग का समर्थन करता है। बता दें रूस ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को औपचारिक मान्यता देने पर संबंधित सवाल के जवाब में चीनी प्रवक्ता ने कहा कि चीन रूस और अफगान अंतरिम सरकार के संबंधों के नए विकास का स्वागत करता है। अफगानिस्तान के परंपरागत मैत्रीपूर्ण पड़ोसी के नाते शुरू से ही चीन का विचार है कि अफगानिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के बाहर नहीं रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा अफगान अंतरिम सरकार के साथ संवाद की मजबूती करने का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि चीन, अफगानिस्तान का पुनर्निर्माण व विकास पूरा करने में सहायता करता है, अफगानिस्तान द्वारा हिंसक आतंकवादी शक्ति पर प्रहार करने और क्षेत्रीय शांति, स्थिरता व समृद्धि के लिए सकारात्मक योगदान देने का समर्थन करता है। तालिबान को प्रतिबंधित संगठनों की अपनी सूची से हटाने के बाद रूस ने अफगानिस्तान में तालिबान शासन को औपचारिक तौर पर मान्यता दे दी और ऐसा करने वाला वह दुनिया का पहला देश बन गया है। रूस के विदेश मंत्रालय ने घोषणा की कि उसे अफगानिस्तान के नवनियुक्त राजदूत गुल हसन से पहचान संबंधी आधिकारिक दस्तावेज प्राप्त हुए हैं। मंत्रालय ने बयान में कहा कि अफगान सरकार को आधिकारिक मान्यता देने से ‘हमारे देशों के बीच सार्थक द्विपक्षीय सहयोग’ को बढ़ावा मिलेगा। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया और इस फैसले का स्वागत करते हुए तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के हवाले से कहा कि यह अन्य देशों के लिए एक अच्छा उदाहरण’ है। तालिबान ने 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा जमा लिया था। सिराज/ईएमएस 06जुलाई25 ----------------------------------