राष्ट्रीय
07-Jul-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। हाल के दिनों में बासी रोटी को प्रोटीन से भरपूर बताकर खूब प्रचार किया गया है। इसे वजन बढ़ाने के लिए भी उपयोगी माना जा रहा है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि रोटी मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रेट का स्रोत होती है और उसमें प्रोटीन की मात्रा सीमित रहती है। ताजा खाद्य पदार्थों की तुलना में इसमें प्रोटीन कम होता है। हालांकि, अगर बासी रोटी को दही, छाछ या अन्य प्रोटीन युक्त चीजों के साथ खाया जाए तो इसका पोषण मूल्य बढ़ जाता है और शरीर को जरूरी प्रोटीन भी मिल जाता है। गांवों में बासी रोटी खाने की एक बड़ी वजह इसका सस्ता और आसान विकल्प होना भी है। दही या छाछ के साथ बासी रोटी खाने से यह एक ठंडक देने वाला और पौष्टिक नाश्ता बन जाता है, जो गर्मी में काफी राहत पहुंचाता है। यह पेट के लिए हल्की होती है और पाचन में भी मददगार मानी जाती है। हालांकि, इसके फायदे के साथ कुछ सावधानियां भी जरूरी हैं। विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि बासी रोटी अगर सही तरह से न रखी जाए तो उसमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। बरसात के मौसम में तो यह खतरा और भी बढ़ जाता है क्योंकि नमी ज्यादा होने से फफूंदी और बैक्टीरिया जल्दी पनपते हैं। इससे पेट में संक्रमण और बीमारियां हो सकती हैं। यदि आप बासी रोटी खाना चाहते हैं तो इसे साफ, ठंडे और सूखे स्थान पर रखें और अधिकतम अगले दिन तक ही खाएं। इसे ताजे दही या सब्जियों के साथ खाने से पोषण में संतुलन आता है। लेकिन यह भी जरूरी है कि रोजाना ताजा और पौष्टिक भोजन को प्राथमिकता दी जाए ताकि शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्व मिलते रहें और स्वास्थ्य बेहतर बना रहे। बता दें कि देश के कई शहरों और गांवों में बासी रोटी खाना एक पुरानी और प्रचलित परंपरा रही है। जो लोग अन्न का सम्मान करते हैं, वे बचा हुआ खाना फेंकने की बजाय उसे खाने को सही मानते हैं। यही वजह है कि बासी रोटी का चलन लगातार बना हुआ है। खासतौर पर युवाओं में इसका इस्तेमाल बढ़ा है और कई लोग इसे अन्य चीजों के साथ मिलाकर खाना पसंद करते हैं। माना जाता है कि बासी रोटी पेट के लिए हल्की होती है और आसानी से पच जाती है। सुदामा/ईएमएस 07 जुलाई 2025