राज्य
08-Jul-2025
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मुंबई, (ईएमएस)। महाराष्ट्र सरकार द्वारा मुंबई में 51 कबूतरखानों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश के बाद सोमवार को मुंबई के मुख्य डाकघर (जीपीओ) के सामने पानी की टंकी क्षेत्र में बनाए गए कबूतरखाना में कबूतरों के खाने के लिए दाना फेंकने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई। कबूतरों के लिए दाना फेंकने वालों पर 500 रुपए का जुर्माना लगाया गया है और कहा जा रहा है कि यह कार्रवाई भौतिक धन के रूप में धन इकट्ठा करने के लिए नहीं बल्कि नागरिकों में डर पैदा करने के लिए की गई थी। हालांकि, मनपा के ए विभाग की ओर से यह कार्रवाई किए जाने के दौरान वहां कबूतरखाना को बंद करने की कोई कार्रवाई नहीं की गई क्योंकि दादर कबूतरखाना में कबूतरों के लिए दाना फेंकने की प्रथा बड़े पैमाने पर चल रही है। इस बीच मनपा के सामने बड़ा सवाल यह है कि इस पर कार्रवाई कौन करेगा क्योंकि उपद्रव निरीक्षकों के पद खाली हैं। चूंकि कबूतरों की बीट मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, इसलिए सरकार ने मुंबई में कबूतरों को दाना खिलाने वाले स्थानों को बंद करने के निर्देश दिए हैं। मुंबई और कबूतरों की एक अलग ही पहचान है और मुंबई के कई इलाकों में कबूतरखाने हैं। मुंबई में ऐसी 51 कबूतरखाने हैं और सरकार द्वारा लिए गए फैसले और निर्देशों के बाद शुक्रवार को महानगरपालिका के जी उत्तर विभाग ने दादर कबूतरखाने की छत और सामग्री जब्त कर इस कबूतरखाने की सफाई की। शुक्रवार को इस कबूतरखाने की सफाई करने के बाद शनिवार से एक बार फिर पक्षी प्रेमियों और कबूतर प्रेमियों ने दया और पवित्र भाव से इनसे छुटकारा पाने के लिए दाना फेंकना शुरू कर दिया। इसलिए यहां कबूतरखाने में कबूतरों का उत्पात फिर से शुरू हो गया है। जहां एक ओर दादर में कबूतरखाने को बंद करने की कोई हलचल नहीं हो रही है, वहीं दूसरी ओर छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस स्थित मुख्य डाकघर के सामने पानी वाले स्थान पर स्थित कबूतरखाने पर महानगरपालिका ने कबूतरों को दाना खिलाने पर कड़ी कार्रवाई की है। इस कबूतरखाने पर कबूतरों को दाना खिलाने वालों पर पांच सौ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यहां बबलू वर्मा पर सुबह दाना खिलाने पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया। उन्होंने सभी से दाना न खिलाने की अपील भी की। इसलिए मनपा ने किसी भी नागरिक से कबूतरखाने में दाना न डालने की अपील की है। इस बीच, मनपा को जैन और गुजराती धार्मिक समूहों और उनके संगठनों की ओर से ज्ञापन मिल रहे हैं, जिसमें इन कबूतरखानों के खिलाफ कार्रवाई न करने का अनुरोध किया गया है। इसलिए, हालांकि मनपा ने यह निर्णय राज्य सरकार के निर्देशानुसार लिया है, लेकिन संगठनों के अनुरोध के बाद मनपा क्या निर्णय लेती है, इस पर भी सभी की नजर है। स्वेता/संतोष झा- ०८ जुलाई/२०२५/ईएमएस