नई दिल्ली (ईएमएस)। राजधानी दिल्ली में पुराने वाहनों पर लटकी तलवार मंगलवार को हटने की उम्मीद है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की बैठक में पुराने वाहनों को ईंधन पाबंदी से राहत मिल सकती है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा की ओर से इस मुद्दे पर उठाए गए सवालों के बाद इस बैठक का आयोजन किया जा रहा है। राजधानी दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में डीजल वाहनों के लिए दस साल और पेट्रोल वाहनों के लिए पंद्रह साल की आयु निर्धारित की गई है। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण और सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस संबंध में आदेश जारी किए जा चुके हैं। समय पूरा कर चुके (एंड ऑफ लाइफ) वाहनों के खिलाफ दिल्ली में अभियान भी चलाया जाता रहा है। खासतौर पर प्रदूषण वाले दिनों में जब ग्रैप के प्रावधान लागू किए जाते हैं, तब इन वाहनों पर विशेष तौर पर कार्रवाई की जाती रही है। इसमें वाहनों पर जुर्माना लगाने और उन्हें कबाड़ में भेजने जैसी कार्रवाई शामिल रही है, लेकिन इसी वर्ष अप्रैल में आयोग ने पूरे एनसीआर क्षेत्र से तीन चरणों में पुराने वाहनों को चलन से बाहर करने की रूपरेखा रखी थी। इस क्रम में 1 जुलाई से दिल्ली में सभी पेट्रोल पंपों से पुराने वाहनों को ईंधन देने पर पाबंदी लगा दी गई। दिल्ली में अलग-अलग हलकों से इस मुद्दे पर असंतोष भी देखने को मिला। 3 जुलाई को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा की ओर से इस संबंध में आयोग को पत्र लिखा गया। आयोग के सूत्रों के मुताबिक, पत्र मं। उठाए गए मुद्दों पर मंगलवार को होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि उचित अध्ययन के बाद इस नीति पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। सरकार इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाने जा रही है और उम्मीद है कि दिल्ली के हित में एक रचनात्मक निर्णय लिया जाएगा। सिरसा ने कहा कि जैसा कि मुख्यमंत्री द्वारा पहले ही कहा जा चुका है कि सरकार हर संभव विकल्प तलाशेगी। जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना भी इनमें शामिल है। अजीत झा/ देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/08/ जुलाई /2025