उत्तर प्रदेश में बलरामपुर जिले के जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के कुकृत्य के खुलासे से न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि, समूचा देश स्तब्ध दिखाई दे रहा है। एक समय भीख मांग कर जीवन गुजारने वाला छांगुर बाबा न सिर्फ करोड़ों की संपत्ति का स्वामी बन गया बल्कि, उसने समूचे सिस्टम पर ही कब्जा कर लिया। हिंदुओं और विशेष कर सवर्ण लड़कियों को मुस्लिम बनाने का अभियान चला रहा था, इसके बदले मोटी रकम देता था, अब छांगुर बाबा मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के निशाने पर आ गया है। छांगुर बाबा और उसके गिरोह पर लगातार शिंकजा कसा जा रहा है, इस स्टोरी में छांगुर बाबा के कुकृत्यों की ही चर्चा कर रहे हैं बीपी गौतम... यह है ताजा प्रकरण बलरामपुर जिले में उतरौला क्षेत्र के निवासी 50 हजार के इनामी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को विदेशी फंडिंग से धर्मांतरण कराने के प्रकरण में महिला मित्र व कथित बीवी नीतू रोहरा उर्फ नसरीन के साथ शनिवार को गिरफ्तार किया था। छांगुर बाबा और नसरीन को न्यायालय में पेश किया गया। एनआईए की विशेष अदालत के विशेष न्यायाधीश हुसैन अहमद अंसारी ने बुधवार को छांगुर बाबा और नसरीन की सात दिन की पुलिस रिमांड मंजूर कर ली, दोनों की रिमांड अवधि बृहस्पतिवार से शुरू होगी, इस दौरान छांगुर बाबा से आईबी और एनआईए के अधिकारी भी पूछ-ताछ करेंगे, जिससे और बड़े खुलासे हो सकते हैं, इस मामले की जांच यूपी एटीएस और एसटीएफ के साथ अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा भी की जायेगी। छांगुर बाबा और नीतू की गिरफ्तारी से पहले ही छांगुर बाबा के बेटे महबूब और नीतू के पति नवीन को जेल भेजा चुका है। एटीएस की विवेचना में उपरोक्त चारों के साथ लगभग 18 लोग सम्मिलित हैं, जिनकी तलाश जारी है। ऐसे हुआ सनसनीखेज खुलासा लखनऊ के शनिदेव मंदिर में तीन जुलाई को विश्व हिंदू रक्षा परिषद ने धार्मिक विधि से इस्लाम स्वीकार कर चुके 15 लोगों को पुनः हिंदू बनाया था, इस दौरान विश्व हिंदू रक्षा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल राय ने आरोप लगाया था कि बलरामपुर जिले में अतरौली क्षेत्र का निवासी छांगुर बाबा ने आर्थिक लालच देकर धर्मांतरण कराता है, इसके लिये उसे भारी मात्रा में विदेशी धन प्राप्त होता है। उन्होंने आरोप लगाया था कि इसके हिंदू महिलाओं की शादी दूसरे धर्म के लोगों से करवाई गई हैं। गोपाल राय ने आरोप लगाया था कि बलरामपुर और आस-पास के जिलों के 6000 से अधिक लोगों का धर्म-परिवर्तन कराया जा चुका है। उन्होंने पूरे प्रकरण की गहन जांच कराने की मांग की थी, इस आरोप के बाद एसटीएफ और अन्य एजेंसियां हरकत में आईं तो, सनसनीखेज खुलासे होते चले। कभी भीख मांगता था छांगुर बाबा छांगुर बाबा बलरामपुर जिले के गांव रहरा माफी का मूल निवासी है। छांगुर बाबा किसी समय भीख मांग कर गुजारा करता था, इसके बाद महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित एक दरगाह के बाहर अंगूठी बेचने का धंधा करने लगा, इस दौरान ही वह अवैध धर्मांतरण के अंतर्राष्ट्रीय सिंडीकेट का हिस्सा बन गया और फिर खाड़ी देशों की कई संस्थाओं से जुड़ता चला गया, जहां से उसे अपार धन मिलने लगा, इसके बाद उसने अपना नेटवर्क स्थापित किया और बड़े स्तर पर हिंदुओं का धर्म-परिवर्तन कराने लगा, साथ ही स्वयं को उसने जिंदा पीर प्रचारित कर दिया, जिससे उसके प्रति आस्था और श्रद्धा भी बढ़ती चली गई, फिर वह और उसके गिरोह से जुड़े लोग बड़े स्तर पर लोगों को इस्लाम के प्रति प्रेरित करने लगे और प्रलोभन भी देने लगे, इसके लिये छांगुर बाबा जगह-जगह कार्यक्रम भी आयोजित कराने लगा। छांगुर बाबा गांव मधपुर में स्थित चांद औलिया दरगाह में सालाना उर्स भी कराता था, जिसमें विदेश से भी लोग आते थे। छांगुर बाबा का बलरामपुर में बस स्टेशन के पास विशाल कपड़ों का बड़ा शोरूम है, जिसकी कीमत करोड़ों में बताई जा रही है, अब छांगुर बाबा अकूत संपत्ति का स्वामी है। छांगुर बाबा की सिस्टम में है गहरी पैठ छांगुर बाबा ने पुलिस-प्रशासन और न्यायालय में गहरी पैठ बना ली थी। स्थानीय स्तर पर लोगों के विरुद्ध फर्जी शिकायतें करवा देता था एवं न्यायालय में परिवाद दायर करवा देता था, जिसके बाद फैसला कराता था और फिर इस्लाम स्वीकार करने का दबाव बनाता था। सिस्टम में बैठे कई लोगों को वो मोटी रकम देता था और कुछेक लोग धर्म के नाम पर उसकी मदद करते थे, इसकी पुष्टि आगे एजेंसियों की जाँच में ही हो सकेगा। छांगुर बाबा की ताकत का अहसास, इससे लगाया जा सकता है कि उसका कोई विरोध कर देता था तो, उसके समर्थक उसके साथ मारपीट करते थे और फिर विरोध करने वाले पीड़ित पर ही तत्काल मुकदमा दर्ज करा दिया जाता था, उसके कई रिश्तेदारों पर आजमगढ़ के देवगांव थाने में दो वर्ष पूर्व मुकदमा दर्ज हुआ था, फिर भी सब कुछ सामान्य ही रहा। डेमोग्राफी बदलना चाहता था छांगुर बाबा छांगुर बाबा का उद्देश्य घृणित और डरावना कहा जा सकता है। माना जा रहा है कि वह बलरामपुर और आस-पास के जिलों की धार्मिक बसावट बदलना चाहता था। एटीएस ने भी न्यायालय में जानकारी दी है कि उसका मंसूबा बलरामपुर में इस्लामी दावा केंद्र और मदरसा बनाने का था, वह हिंदू धर्म के प्रति नफरत फैलाकर भारत को इस्लामी मुल्क बनाना चाहता था। एटीएस के वकील ने अदालत को बताया कि छांगुर बाबा संगठित रूप से हिंदू, गैर-मुस्लिम समुदाय के गरीबों, असहाय मजदूरों, कमजोर वर्ग के लोगों, विधवा महिलाओं को आर्थिक मदद, शादी कराने, नौकरी का लालच देकर अवैध तरीके से धर्मांतरण कराता था, कई लोगों का धर्मांतरण डरा-धमकाकर भी कराया गया है, वह अवैध धर्मांतरण कर मुस्लिमों की संख्या बढ़ाकर देश की जनसांख्यिकी को प्रभावित कर रहा था। धर्म बदला पर कागजों में नाम नहीं बदला छांगुर बाबा ने अपने साथी नवीन घनश्याम और नीतू की नाबालिग बेटी का दुबई में धर्मांतरण कराया था लेकिन, चौंकाने वाली बात यह है कि तीनों के धर्म-परिवर्तन करने के बावजूद उनका पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक खाते हिंदू नाम से ही हैं, इनके नाम पर बड़ी संख्या में जमीनें खरीद रहा था। सूत्रों के अनुसार गिरोह ने अलग-अलग संस्थाओं के नाम से 40 से भी अधिक बैंक अकाउंट खुलवाये हैं, जिनमें 100 करोड़ रुपये से भी अधिक की धन का आवागमन होने की आशंका जताई जा रही है, इसी रकम से न सिर्फ धर्मांतरण कराया जा रहा था बल्कि, छांगुर बाबा आलीशान कोठियां बनवा रहा था और और लग्जरी गाड़ियां खरीद रहा था। नीतू तमिलनाडू मूल की बताई जा रही है, जो हिंदू लड़कियों को फंसाने में अहम भूमिका निभाती थी। धर्मांतरण के लिये खोलने वाला था कॉलेज छांगुर बाबा मधपुर में आलीशान कोठी बनवाने के बाद बराबर में ही डिग्री कॉलेज खोलने की तैयारी कर रहा था, इस दिशा में निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया था, इस कॉलेज के द्वारा वह और बड़े स्तर पर धर्मांतरण कराने की योजना बना रहा था। छांगुर बाबा की कोठी का अवैध हिस्सा ध्वस्त छांगुर बाबा पर बुलडोजर कार्रवाई हो गई है, उसकी आलीशान कोठी पर 9 बुलडोजर चढ़ गये। कोठी में 70 से ज्यादा कमरे और हॉल हैं, इनमें 40 कमरों वाले हिस्से को अवैध बताया गया है। तीन बीघा जमीन पर बनी किले जैसी कोठी उतरौला-मनकापुर मुख्य मार्ग पर है। उतरौला तहसीलदार सत्यपाल प्रजापति के अनुसार 17 मई, 17 जून और 7 जुलाई को अवैध निर्माण हटाने का नोटिस दिया गया था, जिसका कोई जवाब नहीं दिया गया, इसलिये प्रशासन ने अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का निर्णय लिया। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई देखने के लिये जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक भी मौके पर पहुंचे। जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने बताया कि सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों पर इस तरह की कार्रवाई चलती रहेगी। सरकारी जमीन से कब्जा हटाने पर खर्च की वसूली भी संबंधित से ही की जायेगी, वहीं पुलिस अधीक्षक विकास कुमार का कहना है कि छांगुर बाबा सहित अन्य पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी। किला और महल जैसी सुविधा से युक्त थी कोठी छांगुर बाबा की कोठी के अंदर एक छोटे-मोटे गांव से भी अधिक सुविधायें और साधन दिखाई दिये, इसमें 10 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, कोठी के चारों ओर बाउंड्री वाल पर तार लगा है, जिसमें रात को करेंट दौड़ा दिया जाता है, इसके अंदर मुख्य द्वारा से लेकर 500 मीटर लंबी की प्राइवेट सड़क बनी हुई है। कोठी के अंदर मिनी पॉवर हाउस दिखाई दिया, इसके अंदर अत्याधुनिक बैट्री और विशाल जनरेटर लगे हैं। शानदार घोड़ा और विदेशी कुत्ते देखे गये। छांगुर बाबा के जर्मन शेफर्ड कुत्तों के नौ बच्चों को कार्रवाई के दौरान ग्रामीण उठा ले गये लेकिन, पुलिस की चेतावनी के बाद कुत्ते वापस दे दिये गये, इसके अलावा अत्याधुनिक तकनीक वाले बाथरूम में विदेशी प्रोडक्ट एवं मसाज ऑयल भी मिला। संगठित अपराध करता है था छांगुर बाबा एटीएस चीफ अमिताभ यश ने बताया कि धर्मांतरण गिरोह की साजिशें बेहद खतरनाक थीं। हिंदू समाज की लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर, झूठे नामों से शादी का झांसा देकर उनका ब्रेनवाश किया जाता था। ऐसा ही लखनऊ निवासी गुंजा गुप्ता के साथ हुआ था। अबू अंसारी नामक युवक ने अमित बनकर फंसाया और छांगुर बाबा की दरगाह ले गया, जहां उसका नाम बदलकर अलीना अंसारी कर दिया, इसके बदले उन्हें अच्छी जिंदगी, पैसे और सुरक्षा का लालच दिया गया। गिरोह ने हिंदू लड़कियों के धर्म-परिवर्तन के लिये बाकायदा दरें तय कर रखी थीं। एटीएस की जांच में सामने आया कि ब्राह्मण, क्षत्रिय और सिख लड़कियों के लिये 15-16 लाख, पिछड़ी जातियों के लिए 10-12 लाख और अन्य जातियों के लिए 8-10 लाख तक की राशि निर्धारित थी। यह धर्म-परिवर्तन केवल धार्मिक नहीं बल्कि, पूरी तरह से संगठित आर्थिक अपराध था। सिर्फ प्रेमजाल ही नहीं बल्कि, गरीब और असहाय लोगों को भी यह गिरोह निशाना बनाता था। यदि कोई धर्मांतरण से इनकार करता तो, उन्हें फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी दी जाती थी, इस कार्य में छांगुर बाबा के साथ महबूब, पिंकी हरिजन, हाजिरा शंकर, सगीर, कथित पत्रकार एमेन रिजवी और नीतू जैसे लोग शामिल थे। यूपी एटीएस मामले की छानबीन कर रही है, साथ ही अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिये छापेमारी की जा रही है। अमिताभ यश ने जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बाद शनिवार को बताया था कि वह खुद को पीर बाबा और हजरत बाबा जलालुद्दीन के नाम से प्रचारित करता था, उसने शिजर-ए-तैय्यबा नामक पुस्तक भी प्रकाशित की थी, इसका उपयोग वह और उसके सदस्य इस्लाम धर्म के प्रचार-प्रसार और ब्रेनवाशिंग में करते थे। जमालुद्दीन की काफी समय से तलाश की जा रही थी, इस पर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था। बबीता चौहान ने मांगी मौत की सजा उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने धर्म-परिवर्तन गैंग के कथित मास्टर माइंड के लिये मौत की सजा की मांग की है। छांगुर बाबा के कुकृत्यों की निंदा करते हुये बबीता चौहान ने इसे एक सुनियोजित साजिश करार देते हुये कहा कि हमारी बेटियां जबरन धर्म-परिवर्तन की जहरीली विचारधारा की टेस्ट लैब नहीं हैं। बबीता चौहान ने सोमवार को जारी अपने आधिकारिक बयान में कहा कि जो लोग लड़कियों को धोखा देते हैं और उनका विश्वास को रौंदते हैं, वे लोग समाज के दुश्मन होते हैं और ऐसे अपराधियों को मौत की सजा से कम कुछ नहीं मिलना चाहिये, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में अवैध धर्म-परिवर्तन को रोकने के लिये पहले ही कड़े कानून बना रखे हैं और अब समाज को भी अपनी चुप्पी तोड़कर खड़े होने की जरूरत है। उन्होंने झूठ, चालाकी और लालच के जरिये जबरन धर्म-परिवर्तन को अक्षम्य अपराध करारा देते हुये मौत की सजा की मांग दोहराई है। महिला आयोग की अध्यक्ष ने राज्यभर की महिलाओं से एकजुट होकर ऐसी खतरनाक साजिशों के खिलाफ आवाज उठाने का अनुरोध किया। आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया कि छांगुर बाबा की गिरफ्तारी गैरकानूनी धर्म-परिवर्तन के खिलाफ चल रही कार्रवाई में एक अहम कदम है। छांगुर बाबा कलंक, हश्र बुरा होगा: पाठक बलरामपुर में छांगुर बाबा के विरुद्ध बुलडोजर एक्शन पर उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि छांगुर बाबा जैसे लोग समाज के लिए कलंक हैं, ऐसे लोग बहन बेटियों को बहला-फुसलाकर समाज विरोधी गतिविधियां कर रहे हैं, ऐसे लोगों को उत्तर प्रदेश के लोग कभी स्वीकार नहीं करेंगे। हम जीरो टालरेंस की नीति अपना रहे हैं। बहू-बेटियों को बुरी नजर से देखने वालों का हश्र बहुत बुरा होगा। योगी आदित्यनाथ ने छांगुर बाबा को बताया जल्लाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स पोस्ट पर छांगुर बाबा को जलाउद्दीन नाम से संबोधित करते हुये लिखा कि हमारी सरकार बहन-बेटियों की गरिमा और सुरक्षा के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपी जलालउद्दीन की गतिविधियां समाज विरोधी ही नहीं, बल्कि राष्ट्र विरोधी भी हैं। उत्तर प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था को लेकर किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरतेगी। आरोपी और उसके गिरोह से जुड़े सभी अपराधियों की संपत्तियां जब्त की जायेंगी और उन पर सख्त कानूनी कार्यवाही की जायेगी। राज्य में शांति, सौहार्द और महिलाओं की सुरक्षा को भंग करने वालों के लिये कोई स्थान नहीं है। उन्हें कानून के अनुसार ऐसी सजा दी जायेगी, जो समाज के लिए एक उदाहरण बने, इसके अलावा उन्होंने आजमगढ़ में कहा कि बलरामपुर में हमने एक जल्लाद को गिरफ्तार किया है। आपने देखा होगा कि वह कैसे हिंदू बहन-बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ करता था। पैसे में सौदेबाजी करता था लेकिन, ऐसे राष्ट्र विरोधी तत्वों को चकनाचूर करके रहेंगे। (लेखक, दिल्ली से प्रकाशित हिंदी साप्ताहिक गौतम संदेश के संपादक हैं) ईएमएस / 11 जुलाई 25