राज्य
11-Jul-2025
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इन्दौर (ईएमएस) मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के सदस्य, एडीजे विनोदकुमार शर्मा की कोर्ट में एक दुर्घटना क्षतिपूर्ति प्रकरण में सुनवाई उपरांत मृतका के उत्तराधिकारी द्वारा दुर्घटना होना प्रमाणित नहीं कर पाने के आधार पर इसे खारिज कर दिया। प्रकरण में बीमा कंपनी की ओर से एडवोकेट मुजीब खान एवं अधिवक्ता गणेश गौड़ ने तर्क रखे जिससे सहमत होकर कोर्ट ने निर्णय किया। 52 लाख के इस दुर्घटना क्षतिपूर्ति प्रकरण की कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि 13 अगस्त 2020 को एक सडक दुर्घटना में मोटर साईकल पर पीछे बैठी जसोदा पति बाबूलाल निवासी पीथमपुर की मौत हो गई थी। दुर्घटना अज्ञात वाहन से हुई थी। घटना के बाद क्षतिपूर्ति पाने हेतु वाहन मालिक, चालक व आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी के विरूद्ध 52 लाख रूपए का दावा लगाया था। जिसमें प्रार्थी विजय, पप्पू व राजेश ने बताया कि घटना के दिन उनकी माता जशोदा बाई, सोनू के साथ मोटर सायकल पर पीछे बैठकर जा रही थी। तभी अज्ञात मोटर सायकल से उसकी दुर्घटना हो गई। घटना की रिपोर्ट घटना दिनांक के 5 दिन के बाद लिखाई गई थी एवं 25 दिन बाद वाहन को जब्त होना बताया। कंपनी अधिवक्ता मुजीब खान व अधिवक्ता गणेश गौड़ ने अदालत को तर्क देते बताया कि घटना के 25 दिन बाद 9 सितंबर 2020 को वाहन जप्त कर चालक की गिरफ्तारी की गई। दूसरे दिन 10 सितंबर को पुलिस ने चालक को गिरफ्तारी के संबंध में नोटिस दिया। न्यायालय ने उक्त तथ्य को ध्यान में रखते हुए दावा प्रकरण खारिज कर दिया। आनन्द पुरोहित/ 11 जुलाई 2025