राज्य
11-Jul-2025


नई दिल्ली (ईएमएस)। वन नेशन वन इलेक्शन बिल पर जेपीसी की बैठक में विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता और अत्यधिक शक्तियों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने चुनाव फंडिंग और राज्य विधानसभाओं की शक्तियों में कमी की भी चिंता जताई है। विपक्ष का मानना है कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करेगा। चुनाव आयोग पर पूरा भरोसा नहीं किया जा सकता। वन नेशन वन इलेक्शन’ बिल पर बनी जेपीसी की बैठक चल रही है। इसमें विपक्षी सांसदों ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता और शक्तियों पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि चुनाव आयोग पर पूरा भरोसा नहीं किया जा सकता और उसे इतनी ज्यादा शक्तियां देना ठीक नहीं है। विपक्षी सांसदों ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। तृणमूल कांग्रेस नेता कल्याण बनर्जी, टीडीपी नेता हरीश बालयोगी और सपा नेता धर्मेंद्र यादव ने कहा कि चुनाव आयोग पर पूरा भरोसा नहीं किया जा सकता। बैठक में चुनावी फंडिंग पर भी सवाल खड़े हुए हैं। विपक्षी सांसदों का कहना है कि सत्तारूढ़ दल को चुनाव फंडिंग बाकी दलों से कहीं ज्यादा होती है। बैठक में दो पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, जस्टिस खेहर और जस्टिस चंद्रचूड़ ने जेपीसी में बिल के समर्थन में प्रेजेंटेशन दिया है। बैठक की अध्यक्षता भाजपा सांसद पीपी चौधरी कर रहे हैं। ये बैठक सुबह 11 बजे से लगातार चल रही है। विपक्षी सांसदों ने इस को लेकर चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि वन नेशन वन इलेक्शन बिल राज्य विधानसभाओं की शक्तियों को कम कर देगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह बिल चुनाव आयोग को बहुत अधिक शक्ति देगा, जो निष्पक्ष नहीं हो सकता है। पूर्व प्रधान न्यायाधीश खेहर और डी वाई चंद्रचूड़ शुक्रवार को बिल की समीक्षा कर रही जेपीसी के सामने पेश हुए।सूत्रों का कहना है कि दोनों न्यायविदों ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन की सोच संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं करती है। हालांकि, उन्होंने प्रस्तावित कानून में निर्वाचन आयोग को दी गई शक्ति की सीमा पर सवाल उठाया। उन्होंने कुछ सुझाव भी दिए। सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता वाली समिति विधेयक पर अपनी सिफारिशें तैयार करने के लिए न्यायविदों और कानून के जानकारों से विचार विमर्श कर रही है। इससे पहलेभारत के दो अन्य पूर्व प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित और रंजन गोगोई भी जेपीसी के समक्ष पेश हो चुके हैं। हालांकि, दोनों ने एक साथ चुनावों पर कोई सवाल नहीं उठाया लेकिन विधेयक के कुछ पहलुओं पर सवाल उठाए और सुझाव भी दिए थे। अजीत झा/ देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/11/ जुलाई /2025