:: रविवार, 13 जुलाई को मरीमाता चौराहे से महेश्वर और वहां से 14 जुलाई को 180 कि.मी. लंबी पदयात्रा शुरू होगी :: इंदौर (ईएमएस)। मालवांचल की सबसे बड़ी बाणेश्वरी कावड़ यात्रा इस बार अपने 23वें वर्ष में कई अनूठी विशेषताओं के साथ तैयार है। यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक होगी, बल्कि देश के शौर्य, सामाजिक जागरूकता और सनातन संस्कृति के संरक्षण का संदेश भी देगी। इस बार यात्रा में कुल चार आकर्षक और मनोहारी झांकियां शामिल होंगी। रविवार, 13 जुलाई को सभी कावड़ यात्री इंदौर के मरीमाता चौराहे से दोपहर 1 बजे बसों में सवार होकर महेश्वर के लिए प्रस्थान करेंगे। देवी अहिल्या की राजधानी महेश्वर नगरी से सोमवार, 14 जुलाई को करीब 5 हजार कावड़ यात्रियों के साथ लगभग 180 किलोमीटर लंबी यह पैदल यात्रा शुरू होगी। यात्रा का मुख्य उद्देश्य उज्जैन पहुंचकर भगवान महाकाल का जलाभिषेक करना है। यह पदयात्रा आठ दिनों में पूरी होगी, जिसके दौरान रात्रि विश्राम स्थलों पर श्रद्धालु भजन-संकीर्तन, रामायण पाठ, सुबह पौधरोपण और कन्या पूजन भी करेंगे। :: यात्रा की झांकियां और उनका संदेश :: यात्रा संयोजक और विधायक गोलू शुक्ला ने बताया कि इस वर्ष यात्रा के साथ हमेशा की तरह तीन नहीं, बल्कि चार विशेष झांकियां चलेंगी - पौराणिक झांकी : यह झांकी भगवान विष्णु द्वारा समुद्र मंथन से पहले राक्षसों द्वारा भेजे गए विषधारी वासुकी नाग को गरुड़ भगवान से छुड़ाने और उसे समुद्र मंथन में शामिल कर राक्षसों की योजना को विफल करने के मनोहारी दृश्यों को दर्शाएगी। ऑपरेशन सिंदूर झांकी : यह झांकी हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी द्वारा पहलगाम की घटना का जवाब देने के लिए चलाए गए सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर के साहसिक वर्णन पर आधारित है। यह विशेष रूप से यात्रा के महू आगमन पर हमारे सैनिकों के सम्मान में प्रदर्शित की जाएगी। लव जिहाद जागरूकता झांकी : सनातनी समाज को विधर्मियों द्वारा रचे जा रहे लव जिहाद जैसे घृणित षड्यंत्रों से सजग करने और जागरूक बनाने के उद्देश्य से यह झांकी तैयार की गई है। इसमें दिखाया जाएगा कि कैसे लव जिहाद के नाम पर हिन्दू समाज की भोली-भाली बेटियों को प्रेमजाल में फंसाकर मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना दी जा रही है। सामाजिक कल्याण और भक्ति झांकी : एक अन्य झांकी में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा तीर्थ स्थलों पर की गई शराबबंदी और लाड़ली बहनों एवं बेटियों के हित में बनाई गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को दर्शाया जाएगा। इसके साथ ही, इस झांकी में भगवान कृष्ण की बांसुरी पर गोपेश्वर महादेव को मयूर के साथ नृत्य करते हुए दिखाया जाएगा। इन चार झांकियों के अलावा, शहर के सभी प्रमुख भजन गायक विशेष वाहनों पर सवार होकर यात्रा के साथ चलेंगे, जिससे पूरे मार्ग पर भक्तिमय वातावरण बना रहेगा। यात्रा प्रभारी दीपेन्द्रसिंह सोलंकी के अनुसार, सभी श्रद्धालु 13 जुलाई को दोपहर 1 बजे मरीमाता चौराहे से बसों द्वारा महेश्वर पहुंचेंगे। महेश्वर में मां नर्मदा का दुग्धाभिषेक और चुनरी समर्पण करने के बाद, 14 जुलाई को सुबह 8 बजे कावड़ पदयात्रा का औपचारिक शुभारंभ होगा। यात्रा 14 जुलाई की शाम को गुजरी, 15 को मानपुर, 16 को महू, 17 को इंदौर, 18 को रेवती रेंज, 19 को पंथ पिपलई और 20 को उज्जैन पहुंचकर रात्रि विश्राम के बाद अंतिम दिन, 21 जुलाई को सुबह 4 बजे, सभी कावड़ यात्री भगवान महाकालेश्वर का जलाभिषेक कर प्रदेश में सुख, शांति एवं समृद्धि की प्रार्थना करेंगे। इस दौरान यात्रा मार्ग में जगह-जगह राज्य के अनेक सांसद, मंत्री, विधायक और विभिन्न धार्मिक-सामाजिक संगठनों की ओर से यात्रा का भव्य स्वागत किया जाएगा। प्रकाश/11 जुलाई 2025