* बिना तनाव खेतो में कर रहे धान की बुआई कोरबा (ईएमएस) बरसात के साथ ही खेतों में हरियाली लौट आई है और किसानों के चेहरे पर फिर से मेहनत की चमक दिखाई दे रही है। खरीफ सीजन की बुआई जोरों पर है। सरकार की ओर से किसानों को पहले ही वह हर सहायता मिल रही है, जिसकी उन्हें आवश्यकता है। छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार जिले के किसानों को रियायती दरों पर समय पर खाद और बीज की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है, जिससे खेती का कार्य न केवल समय पर हो रहा है, बल्कि किसानों की लागत भी घट रही है। कोरबा जिले के ग्राम जामबहार के किसान जगत पाल सिंह जो इस वर्ष शासन की योजनाओं का लाभ लेकर अत्यंत संतुष्ट और प्रेरित हैं। 22 एकड़ भूमि में खेती करने वाले श्री सिंह ने इस खरीफ सीजन में सहकारी समिति सोनपुरी पहुंच कर यूरिया और डीएपी उर्वरक प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि इस बार उन्हें न तो लाइन में लगना पड़ा और न ही किसी प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ा। कृषक जगत पाल सिंह कहते हैं, सरकार की यह योजना हम जैसे किसानों के लिए बहुत सहायक सिद्ध हो रही है। सहकारी समिति से मुझे समय पर खाद-बीज मिल गया, वो भी रियायती दर पर। इससे न केवल मेरी लागत कम हुई, बल्कि बुवाई भी समय पर कर पाया। उन्होंने यह भी कहा कि 22 एकड़ भूमि में खेती करना एक चुनौती है, लेकिन इस बार शासन की तैयारी और व्यवस्था ने यह काम आसान कर दिया। शासन द्वारा समय पर खाद और बीज की आपूर्ति ने न केवल किसानों को आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि खेती के प्रति विश्वास भी बढ़ाया है। *नैनो डीएपी भविष्य की खेती का स्मार्ट समाधान श्री सिंह ने डीएपी और यूरिया उर्वरक के साथ ही नैनो डीएपी के उपयोग को भी एक क्रांतिकारी पहल बताया। नैनो डीएपी एक प्रभावशाली और आधुनिक समाधान है। कम मात्रा में ज्यादा असर देने वाला यह उर्वरक खेती में नया विश्वास जगा रहा है। इसके उपयोग से उत्पादन में वृद्धि की पूरी संभावना है और इसका प्रयोग भी बेहद सरल है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में किसानों की समृद्धि को केंद्र में रखकर जो योजनाएँ बनाई गई हैं, वे अब ग्रामीण अंचलों तक पहुँच रही हैं। सहकारी समितियों के माध्यम से समय पर खाद-बीज की आपूर्ति, रियायती दरों की सुविधा और पारदर्शी वितरण प्रणाली जैसे प्रयासों ने किसान जगत पाल सिंह जैसे हज़ारों किसानों को सशक्त बनाया है। कृषक श्री सिंह ने छत्तीसगढ़ शासन और मुख्यमंत्री श्री साय के प्रति विशेष आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, *सरकार की योजनाओं से हम किसानों को जो भरोसा मिला है, वह अनमोल है। सहकारी समितियों की व्यवस्था ने हमारी चिंताओं को दूर कर दिया है और अब हम खेती पर पूरी तरह से ध्यान दे पा रहे हैं। 11 जुलाई / मित्तल