नई दिल्ली,(ईएमएस)। दिल्ली में गुरुवार को 4.4 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप के झटकों के कारण दिल्ली ही नहीं एनसीआर और आसपास के राज्यों में भी झटके महसूस किए गए। जब भी भूकंप आता है तो हमारे दिमाग में खयाल आता है कि भूकंप से धरती हिलती है, जिससे भारी तबाही होती है। आपने स्पेसक्वेक के बारे में सुना है? जिस तरह हमारी पृथ्वी पर भूकंप आते हैं, वैसे ही भूकंप अंतरिक्ष में भी आते हैं, जिन्हें स्पेसक्वेक कहा जाता है। अंतरिक्ष में भूकंप आने का कारण पृथ्वी से बिल्कुल अलग है। जानकारी के मुताबिक पृथ्वी पर भूकंप टेक्टोनिक प्लेट्स के कारण आते हैं। पृथ्वी की अंदर मौजूद टेक्टोनिक प्लेट्स जब आपस में टकराती हैं, तो हमें झटके लगते हैं, इन्हें हम भूकंप कहते हैं. हालांकि, अंतरिक्ष में ऐसा नहीं होता है। अंतरिक्ष में भूकंप आने का सबसे बड़ा कारण चुंबकीय क्षेत्र में ऊर्जा की अत्यधिक हलचल है, जिसका असर हमारी पृथ्वी पर भी पड़ता है। दरअसल, हमारी पृथ्वी के चारों ओर एक शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र मौजूद होता है, जिसे मैग्टोस्फीयर कहा जाता है। मैग्टोस्फीयर या चुंबकीय क्षेत्र का काम पृथ्वी की ओर अंतरिक्ष से आने वाली हानिकारक किरणों और सौर रेडिएशन से बचाना होता है। हालांकि, कई बार सूरज से निकलने वाली सौर हवाओं का प्रवाह इतना तेज हो जाता है कि ये चुंबकीय क्षेत्र से टकराती हैं, जिससे खिंचाव उत्पन्न होता है। इसके फलस्वरूप ही स्पेसक्वेक उत्पन्न होते हैं। मैग्टोस्फीयर या चुंबकीय क्षेत्र का काम पृथ्वी की ओर अंतरिक्ष से आने वाली हानिकारक किरणों और सौर रेडिएशन से बचाना होता है। कई बार सूरज से निकलने वाली सौर हवाओं का प्रवाह इतना तेज हो जाता है कि ये चुंबकीय क्षेत्र से टकराती हैं, जिससे खिंचाव उत्पन्न होता है। इसके फलस्वरूप ही स्पेसक्वेक उत्पन्न होते हैं। आमतौर पर पृथ्वी पर आने वाले भूकंप के कारण कई तरह के नुकसान होते हैं, जिसमें इमारतों का गिरना, जमीन पर दरारें पड़ना शामिल हैं। हालांकि, अंतरिक्ष में आने वाले भूकंप से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव उत्पन्न होती हैं, जो सैटेलाइट, पॉवर ग्रिड्स, टेलीकम्युनिकेशन को प्रभावित करती हैं। आमतौर पर पृथ्वी पर आने वाले भूकंप के कारण कई तरह के नुकसान होते हैं, जिसमें इमारतों का गिरना, जमीन पर दरारें पड़ना शामिल हैं। हालांकि, अंतरिक्ष में आने वाले भूकंप से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव उत्पन्न होती हैं, जो सैटेलाइट, पॉवर ग्रिड्स, टेलीकम्युनिकेशन को प्रभावित करती हैं। सिराज/ईएमएस 12 जुलाई 2025