12-Jul-2025
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-यह शहर छठी और सातवीं सदी में माया दुनिया का प्रमुख केंद्र था वाशिंगटन,(ईएमएस)। दक्षिण अमेरिकी देश बेलीज के घने जंगलों में एक रहस्यमयी सभ्यता का पता चला है, जिसने इतिहास को हैरानी में डाल दिया है। पुरातत्वविदों ने प्राचीन माया नगरी ‘काराकोल’ में उस पहले बादशाह का बड़ा शाही मकबरा खोजा है, जिसने करीब 1600 साल पहले इस प्राचीन शहर की नींव रखी थी। यह सम्राट था ते क’आब चाक, जिसका मायन भाषा में अर्थ ‘पेड़ की शाखा वाला वर्षा का देवता’ है। यूनिवर्सिटी ऑफ ह्यूस्टन की टीम ने इसकी आधिकारिक घोषणा की। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जारी बयान में कहा गया है कि ह्यूस्टन विश्वविद्यालय के पुरातत्ववेत्ता डायने चेस और अर्लेन चेस की ओर से 40 साल से ज्यादा समय से वहां खुदाई शुरू हुई थी तब से यह पहली बार है कि काराकोल में कोई पहचान योग्य शाही मकबरा मिला है। ते क’आब चाक काराकोल के सिंहासन पर 331 ईस्वी में बैठा था और यह मकबरा करीब 350 ईस्वी का माना जा रहा है। मकबरे में जो मिला उसे देखकर ही शाही जीवन की तमाम भव्य झलकियां दिख जाती हैं। शाही मकबरे में मिट्टी के बर्तन, नक्काशीदार हंड्डियां, समुद्री सीपियां, ट्यूबलर जेड मोती और जेड से बना मोजेक डेथ मास्क शामिल था। एक बर्तन पर एक माया शासक को भाला थामे दर्शाया गया है जबकि दूसरे पर व्यापार के देवता ‘एक चुआह’ को अर्पणों से घिरा हुआ दिखाया गया है, जिस काराकोल शहर में ये मिला है वह छठी और सातवीं सदी में माया दुनिया का प्रमुख केंद्र था। कभी यह शहर 100,000 से ज्यादा लोगों का घर हुआ करता था, लेकिन 900 ईस्वी तक ये भी अन्य माया शहरों की तरह रहस्यमय ढंग से पतन की ओर चला गया। इसके खंडहर आज बेलीज के कायो जिले के पहाड़ी जंगलों में पाए जाते हैं। यह शहर 68 वर्ग मील से ज्यादा में फैला था, जहां लंबे-लंबे रास्ते, सीढ़ीदार कृषि, भव्य भवन और 140 फीट ऊंचा काना पिरामिड जैसे संरचनाएं मौजूद थीं, जो आज भी बेलीज की सबसे ऊंची इमारतों में से एक है। 2010 में यहां पाए गए कुछ ओब्सीडियन ब्लेड्स और अन्य कलाकृतियां मेक्सिको के तेओतिहुआकान शहर के प्रभाव को दिखाती हैं, लेकिन ते क’आब चाक के मकबरे की उम्र उससे भी पहले की है, जिससे साबित होता है कि उस समय यहां के शासक स्वदेशी माया ही थे। प्रोफेसर अर्लन चेस का कहना है, ‘मेसोअमेरिका के इन दोनों क्षेत्रों के शासक न सिर्फ एक-दूसरे की धार्मिक परंपराओं से वाकिफ थे, बल्कि संभवतः औपचारिक कूटनीतिक संबंध भी रखते थे। सिराज/ईएमएस 12जुलाई25