12-Jul-2025
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- प्रथम वर्ग से दशम वर्ग तक का पाठ्यक्रम संशोधऩ एवं संवर्धन कार्य शुरु मधुबनी, (ईएमएस)। बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम उप समिति की बैठक में संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मृत्युंजय झा ने कहा कि मध्यमा पाठ्यक्रम में समिति द्वारा रामचरितमानस को सम्मिलित किया जाएगा। अब छात्र रामचरितमानस के गूढ़ रहस्यों एवं भारतीय संस्कृति से पूर्णरूप से परिचित होंगे। पाठ्यक्रम में बिहार के मूर्धन्य विद्वान् पं.अम्बिकादत्त व्यास की प्रसिद्ध कृति शिवराजविजयम् ग्रन्थ को सम्मिलित किया जाएगा। जिससे संस्कृत छात्र अपने राष्ट्र नायकों के कृतित्वों से अवगत होंगे। छात्रों में दार्शनिक ज्ञान वृद्धि के लिए दर्शन के आदिग्रन्थ तर्कसग्रंह को पाठ्यक्रम में स्थान दिया जा रहा है। वहीं नैतिक शिक्षा के विकास के लिए श्रीमद्भभागवद्गीता के कुछ प्रमुख अंशों को समाहित किया जाएगा। अनिवार्य पत्र में हिन्दी, अंग्रेजी एवं सामान्य विज्ञान के अलावा ऐच्छिक विषय में व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पौरोहित्य(कर्मकांड), ज्योतिष, वास्तुशास्त्र, शिल्पकला, अर्थशास्त्र, शारीरिक शिक्षा (खेलकूद) , योग शिक्षा तथा कम्प्युटर आदि विषयों को समाहित किया गया है। इसके अलावा गणित, गृहविज्ञान, संगीत, मैथिली, भोजपुरी को भी ऐच्छिक विषय के रूप में स्थान मिला है। वहीं शनिवार को पाठ्यक्रम समिति के सदस्यों नें नवम वर्ग के पाठ्यक्रम का अवलोकन करते हुए प्रारूप तैयार किया गया है। पाठ्यक्रम उपसमिति में बोर्ड के सदस्य अरूण कुमार झा, चन्द्रकिशोर कुमार, डॉ.रामसेवक झा, निरंजन कुमार दीक्षित, डॉ.विभूतिनाथ झा, डॉ.हरेराम कुमार उपाध्याय सदस्य के रूप में उपस्थित थे। प्रधान सहायक भवनाथ झा ने बताया कि समिति द्वारा निर्मित संशोधित एवं संर्वधित पाठ्यक्रम को बिहार संस्कृत शिक्षा बार्ड के सभी मान्य सदस्यों के समक्ष एप्रूबल के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। अनुमोदन के बाद पाठ्यक्रम का प्रकाशन कर सभी विद्यालयों में शीघ्र प्रेषित किया जाएगा। कार्तिक कुमार/संतोष झा- १२ जुलाई/२०२५/ईएमएस