नई दिल्ली,(ईएमएस)। प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा (आई) द्वारा म्यांमार सीमा पर भारतीय सेना द्वारा कथित ड्रोन अटैक के दावे ने रविवार को हलचल मचा दी। संगठन ने आरोप लगाया कि 150 से अधिक ड्रोन का उपयोग करते हुए उनके कई मोबाइल कैंपों पर हमला किया गया, जिसमें उनके सीनियर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल नयन असोम सहित कई शीर्ष नेता मारे गए। लेकिन भारतीय सेना और असम सरकार ने इन दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। उल्फा ने दावा किया कि हमला रविवार तड़के म्यांमार सीमा के भीतर ड्रोन और मिसाइलों से किया गया। इसमें लेफ्टिनेंट जनरल नयन असोम, ब्रिगेडियर गणेश असोम, कर्नल प्रदीप असोम की मौत हो गई। वहीं लगभग 19 कैडर घायल बताए गए हैं। कथित रूप से 150 से ज्यादा ड्रोन इस्तेमाल किए जाने का दावा किया गया है। उल्फा संगठन ने दो प्रेस विज्ञप्तियां जारी करते हुए उक्त कथित हमलों की जानकारी दी और भारत पर आरोप लगाए हैं। भारतीय सेना का जवाब इस मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत (रक्षा प्रवक्ता) ने कहा, कि ऐसे किसी ऑपरेशन की कोई जानकारी नहीं है। असम राइफल्स और अन्य सैन्य एजेंसियों ने भी म्यांमार में किसी सैन्य कार्रवाई की पुष्टि नहीं की। वहीं असम पुलिस ने बयान जारी करते हुए कहा, कि राज्य की धरती से कोई हमला नहीं हुआ। बताया जा रहा है कि उलफा का दावा भले ही सनसनीखेज हो, लेकिन अब तक कोई स्वतंत्र पुष्टि या सबूत सामने नहीं आए हैं। भारतीय सेना और असम सरकार का इनकार यह दर्शाता है कि या तो यह दावा झूठा है, या फिर यह डिनायबिलिटी रणनीति के तहत गुप्त ऑपरेशन को छिपाने की कोशिश हो सकती है। आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय और सैटेलाइट इंटेलिजेंस से मिल सकने वाले संकेत, इस पूरे घटनाक्रम की सच्चाई को उजागर कर सकते हैं। हिदायत/ईएमएस 13जुलाई25