अंतर्राष्ट्रीय
14-Jul-2025


वॉशिंगटन,(ईएमएस)। अमेरिका ने अपनी डिफेंस स्ट्रैटजी में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए सस्ते हथियारों के निर्माण करने का फैसला किया है। अमेरिकी हथियार महंगे होते हैं, जबकि चीन और रूस काफी कम कीमत पर हथियारों का निर्माण करते हैं। ऐसे में अमेरिका ने रक्षा रणनीति में एक ऐतिहासिक बदलाव करते हुए ड्रोन को अब हाई-टेक हवाई जहाज नहीं, बल्कि बंदूकों में इस्तेमाल होने वाले बुलेट की तरह देखने का फैसला किया है। अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने एक मेमो पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि अब से ड्रोन डेवलपमेंट, खरीद और तैनाती में किसी भी तरह की देरी या नौकरशाही अड़चन बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अमेरिका की युद्ध नीति में ये बदलाव चीन और रूस के मॉडर्न हथियारों को देखते हुए लिया गया है। खासकर आधुनिक युद्ध में ड्रोन का काफी घातक तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है। चाहे भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष हो या फिर इजराइल-ईरान युद्ध या फिर रूस-यूक्रेन युद्ध... इन संघर्षों से पता चलता है कि जिसके पास अत्याधुनिक ड्रोन हैं, वो बढ़त ले सकता है। रक्षा सचिव के मुताबिक आधुनिक युद्ध सिर्फ भारी टैंकों और मिसाइलों से नहीं, बल्कि सस्ते, फुर्तीले और घातक ड्रोन के जरिये भी लड़ा जाएगा। यह बदलाव ऐसे समय में आया है जब रूस और यूक्रेन जैसे देश सालाना लाखों ड्रोन बना रहे हैं। रूस इस साल करीब 40 लाख ड्रोन बनाने जा रहा है, जबकि यूक्रेन ने थोड़ा और आगे बढ़कर करीब 45 लाख ड्रोन बना रहा है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि ड्रोन, युद्ध की दिशा और दशा तय करने लगे हैं और अमेरिका पीछे नहीं रहना चाहता। रिपोर्ट के मुताबिक इस नीति की सबसे खास बात ये है कि अब सभी अमेरिकी सेना की स्क्वॉड यूनिट्स को 2026 तक वन-वे अटैक ड्रोन से लैस किया जाएगा। यह सस्ते ड्रोन एक बार इस्तेमाल के लिए होंगे। सिराज/ईएमएस 14 जुलाई 2025