अमेरिकी महंगाई और खुदरा बिक्री के आंकड़े भी कीमती धातु की चाल को प्रभावित करेंगे नई दिल्ली (ईएमएस)। अगले सप्ताह सोने की कीमतों में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक आर्थिक हालात, डॉलर इंडेक्स की कमजोरी, और निवेशकों की सुरक्षित निवेश की ओर बढ़ती रुचि के चलते सोने की कीमतों में उछाल देखने को मिल सकता है। इसके साथ ही अमेरिकी महंगाई और खुदरा बिक्री के आँकड़े भी इस कीमती धातु की चाल को प्रभावित करेंगे। कमजोर अमेरिकी डॉलर इंडेक्स के कारण निवेशक सुरक्षित विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं, और सोना परंपरागत रूप से ऐसा ही एक साधन माना जाता है। बाजार के जानकारों का कहना है कि यदि सोना मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर 97,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से ऊपर टिकता है, तो इसमें और तेजी संभव है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि रुपये में कमजोरी से घरेलू बाजार में सोना और महंगा हो सकता है। सोने की कीमतों में वृद्धि के पीछे एक बड़ा कारण वैश्विक व्यापार तनाव है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा कनाडा और ब्राजील पर 35 फीसदी से 50 फीसदी तक नए टैरिफ लगाए जाने से व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है। इसका सीधा असर निवेश धारणा पर पड़ा है और सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग तेज हो गई है। बाजार के विश्लेषकों के मुताबिक, एमसीएक्स पर सोना 94,951 रुपये प्रति 10 ग्राम से बढ़कर 97,830 रुपये तक पहुंच गया, जो करीब 3 फीसदी की बढ़ोतरी है। उन्होंने इसके पीछे ट्रम्प प्रशासन द्वारा तांबा, एल्यूमीनियम और फार्मा उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने को जिम्मेदार ठहराया है। अगर मौजूदा परिस्थितियां बनी रहीं तो एमसीएक्स पर सोने की कीमत 1,00,000 रुपये प्रति 10 ग्राम और अंतरराष्ट्रीय बाजार में 3,500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है। सतीश मोरे/14जुलाई ---