भोपाल(ईएमएस)। मरीज-केंद्रित और डिजिटल रूप से सशक्त स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, एम्स भोपाल ने एक व्यापक डिजिटल स्वास्थ्य पहल को सफलतापूर्वक लागू किया है, जिसका आधार है – नवाचारी और सुविधाजनक एम्स भोपाल स्वास्थ्य ऐप। यह परिवर्तनकारी प्रयास भारत सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप है, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में एम्स भोपाल को डिजिटल नवाचार का अग्रदूत बनाता है। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के नेतृत्व में संस्थान ने डिजिटल स्वास्थ्य को अपनाने में उल्लेखनीय प्रगति की है। एक समर्पित डिजिटल हेल्थ टीम का गठन किया गया, जिसकी अगुवाई एक नोडल अधिकारी कर रहे हैं। इस टीम का उद्देश्य मरीजों को स्वास्थ्य ऐप के उपयोग के लिए शिक्षित करना, उन्हें ऐप से जोड़ना और सतत सहायता प्रदान करना है। यह यूज़र-फ्रेंडली मोबाइल ऐप मरीजों और अस्पताल सेवाओं के बीच एक डिजिटल सेतु के रूप में कार्य करता है, जो चिकित्सा अनुभव को सहज और सुविधाजनक बनाता है। मरीज अब बिना कतार में लगे ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं, लैब रिपोर्ट तुरंत अपने मोबाइल पर देख और डाउनलोड कर सकते हैं, ओपीडी शेड्यूल, डॉक्टर की उपलब्धता, कक्ष संख्या और सेवा शुल्क की जानकारी रियल-टाइम में प्राप्त कर सकते हैं, और अपने परामर्श के दौरान मिले डिजिटल प्रिस्क्रिप्शन को सीधे ऐप में देख सकते हैं। यह ऐप आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (ABHA ID) बनाने और लिंक करने की सुविधा भी प्रदान करता है, जिससे मरीज अपनी डिजिटल स्वास्थ्य पहचान को सुरक्षित और संगठित रख सकते हैं। साथ ही, मरीज अपनी अपॉइंटमेंट और सेवाओं की स्थिति रीयल-टाइम में ट्रैक कर सकते हैं, भुगतान का इतिहास और रसीदें देख सकते हैं, और अस्पताल परिसर में क्यूआर कोड के माध्यम से त्वरित पंजीकरण भी कर सकते हैं। इस डिजिटल बदलाव को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए एम्स भोपाल ने अपने बुनियादी ढांचे को भी सुदृढ़ किया है। इसके अंतर्गत आभा आईडी आधारित स्कैन एवं शेयर तकनीक से युक्त समर्पित रजिस्ट्रेशन काउंटर स्थापित किए गए हैं, साथ ही पुनःआगमन और रेफरल के लिए अलग काउंटर बनाए गए हैं, जिससे मरीजों की प्रतीक्षा अवधि कम हुई है और कार्यप्रवाह अधिक सुव्यवस्थित हुआ है। इस पहल के परिणाम अत्यंत सराहनीय रहे हैं। पिछले तीन वर्षों में, एम्स भोपाल ने 1,70,944 आभा आईडी का निर्माण किया है, जो मध्यप्रदेश की कुल आभा आईडी का 80 प्रतिशत से भी अधिक है। इसके अतिरिक्त, 5,45,858 आभा आईडी को सेंट्रल हेल्थ रजिस्ट्री से सफलतापूर्वक जोड़ा गया है, 15,42,657 बार स्कैन एंड शेयर का उपयोग किया गया है जिससे पुनः आगमन की कतारों में भारी कमी आई है, 8,61,782 डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड को लिंक किया गया है और 3,32,890 ऑनलाइन अपॉइंटमेंट स्वास्थ्य ऐप के माध्यम से बुक किए गए हैं। ये आंकड़े न केवल जनता के बढ़ते विश्वास को दर्शाते हैं, बल्कि स्वास्थ्य देखभाल में तकनीकी समावेशन की सफलता को भी प्रमाणित करते हैं। इस पहल की सफलता पर बोलते हुए, एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा, “एम्स भोपाल में हम केवल डिजिटल तकनीकों को नहीं अपना रहे हैं, बल्कि हम स्वास्थ्य सेवा की पूरी प्रणाली को नए सिरे से गढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य ऐप और हमारी व्यापक डिजिटल स्वास्थ्य पहल का उद्देश्य प्रत्येक मरीज को सुलभ, जवाबदेह और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करना है। प्रतीक्षा समय को कम करके, डेटा सुरक्षा को मजबूत बनाकर और मरीजों को डिजिटल टूल्स से सशक्त करके, हम एक ऐसा स्वास्थ्य तंत्र बना रहे हैं जो डिजिटल इंडिया की आकांक्षाओं को पूर्ण करता है।” एम्स भोपाल स्वास्थ्य ऐप गूगल प्ले स्टोर और एप्पल ऐप स्टोर पर निःशुल्क डाउनलोड के लिए उपलब्ध है, जिससे समाज के हर वर्ग के मरीज इसे आसानी से उपयोग में ला सकते हैं। यह पहल मात्र एक तकनीकी नवाचार नहीं, बल्कि एक व्यवस्थागत परिवर्तन है जो स्वास्थ्य सेवाओं को गति, पारदर्शिता और मरीज-केन्द्रित दृष्टिकोण के साथ एक नई दिशा दे रहा है। हरि प्रसाद पाल / 14 जुलाई, 2025