-पीएम मोदी और संघ कार्यकर्ताओं के कथित आपत्तिजनक कार्टून से जुड़ा मामला नई दिल्ली,(ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ कार्यकर्ताओं के कथित आपत्तिजनक कार्टून सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोपी कार्टूनिस्ट को संरक्षण दिया। न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने कहा कि अगर उन्होंने सोशल मीडिया पर कोई और आपत्तिजनक पोस्ट शेयर की, तब राज्य कानून के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है। शीर्ष अदालत कथित अपमानजनक ऑनलाइन पोस्ट से नाराज़ थी और अदालत ने कहा लोग किसी को भी, कुछ भी कह देते हैं। हेमंत मालवीय ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा 3 जुलाई को पारित आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी जिसमें उन्हें अग्रिम ज़मानत देने से इंकार किया गया था। वकील और आरएसएस कार्यकर्ता विनय जोशी की शिकायत पर मई में थाने में उनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। जोशी ने आरोप लगाया कि मालवीय ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री अपलोड करके हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाई और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने मालवीय को अंतरिम राहत देकर गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान कर दिया है। मामले की अगली सुनवाई 15 अगस्त के बाद होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर मालवीय की ओर से कोई भी आपत्तिजनक टिप्पणी की जाती है, तब शिकायतकर्ता अदालत आ सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप जो भी आपत्तिजनक टिप्पणी सोशल मीडिया से हटाना चाहती हैं वे हटाएं। आशीष दुबे / 15 जुलाई 2025