16-Jul-2025
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कोरबा (ईएमएस) कोरबा-पश्चिम क्षेत्र स्थित एनटीपीसी के विभागीय कावेरी विश्रामगृह के बंद कमरे से निकली एक तस्वीर ने ऊर्जाधानी से लेकर राजधानी तक के राजनीतिक गलियारो सहित राजभवन में बवाल मचा रखा है। इस तस्वीर को लेकर कई तरह की बातें सामने आई और बयानबाजी भी शुरू हुई। इसे एक वरिष्ठ आदिवासी नेता का अपमान भी निरूपित किया गया। इस संबंध में कोरबा जिला कलेक्टर ने भी पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल द्वारा किये पोस्ट पर पूर्व मंत्री को पत्र भेजकर वस्तु स्थिति की पूर्ण जानकारी दी। सोशल मीडिया में कांग्रेस और अन्यो के द्वारा तेजी से वायरल की जा रही इस तस्वीर को लेकर मची हलचल और भाजपा के वरिष्ठतम आदिवासी नेता का अपमान संबंधी बयानों के बीच पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर ने राज्यपाल से मुलाकात के दौरान हुए घटनाक्रम की जानकारी स्वयं साझा की है। उन्होंने कहा है कि आधी-अधूरी बातों का बतंगड़ बनाया जा रहा है, जबकि विश्राम गृह में उनके सम्मान में कहीं भी कोई भी कमी नहीं रही। ननकी राम कंवर ने महामहिम राज्यपाल से भेंट-मुलाकात से जुड़ी पृथक तरह की खबर की सच्चाई पर प्रकाश पर डालते हुए कहा कि मुझे महामहिम राज्यपाल से भेंट के समय कोई अपमानित नहीं होना पड़ा है और वास्तविक जानकारी के अभाव में कतिपय समाचार प्रकाशित किये गए है। छत्तीसगढ़ प्रदेश के राज्यपाल महामहिम रमेन डेका से मुलाकात करने कावेरी विहार एनटीपीसी विश्राम गृह पहुंचा था, और जैसे ही महामहिम को इस आशय की जानकारी प्राप्त हुई कि ननकी राम कंवर उनसे मिलना चाह रहे हैं, तो उन्होंने अपने एक वरिष्ठ सहयोगी को भेजकर तत्काल सबसे पहले मुझे अपने कक्ष में बुलाकर समय दिया, अपने साथ में बैठने के लिए उन्होंने सम्मानपूर्वक कहा। इसके बाद राज्यपाल के सामने वाले सोफे पर अपने सहयोगी कार्यकर्ता के साथ बैठाया गया, सामने सेंटर टेबल था जिसके आमने-सामने दो-सोफे अलग से लगे हुए थे और मुझे अपने शिकायत पत्र राज्यपाल महोदय को देने के लिए अपने सोफे से उठकर राज्यपाल को सौंपने के लिये मुझे कडा होना पड़ा और उसी समय संभवतः यह फोटो जनसंपर्क विभाग के द्वारा खींची गयी। राज्यपाल महोदय के बगल में ही सोफे पर कोरबा जिला कलेक्टर बैठे थे। तद्पश्चात तस्वीर का किसने कैसे और क्या आशय, किस मकसद से लिया, उस पर मैं क्या कहूँ ? महामहिम राज्यपाल के साथ कौन बैठ सकता है, कौन नहीं, यह प्रोटोकॉल का विषय है, किंतु मेरा किसी भी प्रकार का अपमान वहा नहीं किया गया है, और न ही मेरी कोई टीका-टिप्पणी की गयी हैं। बल्कि मैं तो महामहिम राज्यपाल को साधुवाद देता हूं कि उन्होंने कोरबा भ्रमण पर अपना कीमती समय निकालकर मेरी बात सुनने के लिए मुझे समय दिया। तब मैंने कोरबा में प्रशासनिक कारणों से जो भी समस्याए महसूस की जा रही है, उस संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दे उन्हें अवगत कराया। महामहिम राज्यपाल के कक्ष में मैंने अपने आपको किसी तरह से अपमानित महसूस नहीं किया है। वास्तविक सत्कार के संबंध में संभवतः सही जानकारी सुलभ नहीं होने की वजह से उक्त वायरल फोटो को देखकर गलत तरीके से प्रचारित कर दिया गया ऐसा मुझे लगता हैं। वायरल फोटो को देखकर गलत प्रचारित किया गया है या भाजपा सरकार को बदनाम करने की नीति से यह समाचार बनवाया गया है, ऐसा मुझको लगता है। ननकीराम कंवर ने अपने कार्यकर्ता के माध्यम से अपनी बात रखते हुए यह भी कहा है कि इस तरह राज्यपाल के सामने मेरे सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली खबर पूर्ण रूप से गलत है और में इसका खंडन करता हूँ। 16 जुलाई / मित्तल