दो अस्पतालों ने नहीं दिया सही इलाज, पुलिस ने भी नहीं दर्ज किया केस गुना (ईएमएस)।शहर के दो प्रमुख निजी अस्पतालों और एक पैथोलॉजी लैब की लापरवाही का खामियाजा एक 35 वर्षीय युवक को अपनी जान गंवाकर भुगतना पड़ा। उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के कछपुरा निवासी हरिशंकर पिता बाबूलाल शर्मा नामक युवक की मौत ऑपरेशन के बाद इलाज के दौरान हो गई। परिजनों का आरोप है कि युवक को दो दिन पहले रखा गया गलत रक्त चढ़ा दिया गया, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई और अंतत: उसकी मौत हो गई। परिवार वालों के अनुसार, हरिशंकर की कमर टूटने के बाद किसी परिचित की सलाह पर वह गुना स्थित निजी अस्पताल मीना हॉस्पिटल में ऑपरेशन कराने आए थे। बीते मंगलवार को उसका ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने रक्त चढ़ाने की आवश्यकता बताई, जिसके बाद परिजन शहर की एक निजी पैथोलॉजी लैब से खून लेकर आए। यह खून दो दिनों तक अस्पताल में स्टोर में रखा रहा। ऑपरेशन के दो दिन बाद जब यह खून हरिशंकर को चढ़ाया गया तो उसकी हालत तुरंत बिगडऩे लगी। परिजनों ने बताया कि खून चढऩे के कुछ ही देर बाद मरीज को घबराहट होने लगी और हालत गंभीर होती चली गई। अस्पताल प्रबंधन ने यह कहकर हाथ खड़े कर दिए कि खून गलत था और उन्होंने मरीज को दूसरे अस्पताल ले जाने की सलाह दी। उन्होंने बालाजी अस्पताल से संपर्क कर रात में ही एम्बुलेंस की व्यवस्था की और हरिशंकर को वहां शिफ्ट करवा दिया। बालाजी अस्पताल में एक दिन तक भर्ती रखने के बाद डॉक्टरों ने परिजनों से कहा कि मरीज की हालत गंभीर है, इसे कहीं और ले जाएं। लेकिन इससे पहले कि परिजन कुछ कर पाते, आधे घंटे के भीतर हरिशंकर की मंगलवार रात मौत हो गई। बुधवार को जिला अस्पताल में उसका पीएम कराया गया। परिजनों ने जब इस लापरवाही की शिकायत लेकर थाने पहुंचे तो पुलिस ने सुनवाई से इनकार कर दिया और यह कहकर टाल दिया कि इलाज के दौरान हुई मौत में मामला दर्ज नहीं किया जाता। मृतक हरिशंकर शर्मा अपने पीछे दो मासूम बेटियों और गमगीन परिवार छोड़ गया है। फिलहाल मृतक के परिजन अब न्याय की आस में दर-दर भटक रहे हैं।- सीताराम नाटानी (ईएमएस)