अंतर्राष्ट्रीय
17-Jul-2025
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तेलअवीव,(ईएमएस)। इस्लामिक देशों के साथ युद्ध लड़ रहे इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार बड़ा झटका तब लगा जब उनकी गठबंधन सहयोगी अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स शास पार्टी ने कैबिनेट से इस्तीफा देने की घोषणा की। यह फैसला सरकार के भीतर बढ़ते मतभेद और धार्मिक छात्रों को सैन्य सेवा से छूट देने पर असहमति के चलते लिया गया है। शास पार्टी ने एक बयान में कहा, शास प्रतिनिधि को अब ऐसा लगता है कि हम अब सरकार में बने नहीं रह सकते और उसका हिस्सा नहीं हो सकते। बता दें कि 27 जुलाई से क्नेस्सेट तीन महीने के अवकाश पर जा रही है। इसका मतलब है कि नेतन्याहू के पास अगले तीन महीने का वक्त है, जिस दौरान संसद में कोई बड़ी विधायी गतिविधि नहीं होगी। इस दौरान वे बागी पार्टियों को दोबारा सरकार में शामिल करने की कोशिश कर सकते हैं। शास पार्टी से पहले एक और अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स सहयोगी पार्टी यूनाइटेड टोरा ज्यूडइज़्म ने भी सैन्य सेवा छूट पर नाराजगी जताते हुए सरकार से इस्तीफा दे दिया था। धार्मिक छात्रों की सैन्य सेवा से छूट लंबे समय से विवाद का विषय रही है, लेकिन हमास के साथ 21 महीने से जारी युद्ध के बीच यह मुद्दा और अधिक संवेदनशील हो गया है। कई इजरायली नागरिकों का मानना है कि देश की रक्षा का बोझ समान रूप से सभी को उठाना चाहिए, जबकि धार्मिक संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को छूट देना अन्यायपूर्ण है। शास पार्टी इजरायली राजनीति में दशकों से किंगमेकर की भूमिका निभाती रही है और कई सरकारों का गठन उसकी मदद से हुआ है। हालांकि, पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह सरकार को गिराने की कोशिश करेगी या नहीं। कुछ कानूनों पर सरकार के साथ मतदान भी कर सकती है। यानी तकनीकी रूप से भले ही वह कैबिनेट से बाहर हो गई हो, लेकिन पूरी तरह से विरोध में नहीं जाएगी। यह स्पष्ट नहीं है कि इस फैसले के बाद नेतन्याहू की सरकार संसद में अल्पमत में आ जाएगी या नहीं। शास पार्टी के बाहर होने के बाद नेतन्याहू के गठबंधन के पास अब 120 सदस्यीय क्नेस्सेट में सिर्फ 50 सीटें बचती हैं। वीरेंद्र/ईएमएस/17जुलाई2025