18-Jul-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट ने एक अभूतपूर्व बाल संरक्षकता (कस्टडी) मामले में केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को सख्त निर्देश जारी करते हुए एक रूसी महिला के लिए लुकआउट नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। यह महिला 7 मई से अपने नाबालिग बेटे के साथ लापता है, जिससे उसके भारतीय पति और परिवार में चिंता की लहर दौड़ गई है। मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने की। अदालत ने गुरुवार को कहा कि महिला विक्टोरिया को देश छोड़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। साथ ही कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि मां-बेटे को जल्द से जल्द खोजा जाए और बच्चे को उसके पिता सैकत बसु को सौंपा जाए। क्या है पूरा मामला? बताया जा रहा है कि सैकत बसु चीन में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में इंजीनियर के तौर पर कार्यरत थे। वहीं उनकी मुलाकात रूसी महिला विक्टोरिया से हुई। दोनों ने भारत आकर 2017 में विवाह किया और 2020 में एक बेटे का जन्म हुआ। इसके बाद रिश्तों में दरार आने के बाद दोनों ने अलग होने का फैसला किया और दिल्ली की फैमिली कोर्ट में तलाक का मामला दाखिल किया। समझौते के तहत बच्चे को हफ्ते में तीन दिन मां के पास और शेष समय पिता के पास रहना था। दोनों दिल्ली में अलग-अलग घरों में रहते हुए बच्चे की जॉइंट कस्टडी निभा रहे थे। इसके बाद 22 मई को सैकत ने अपने बेटे को आखिरी बार देखा था, जब तीन दिन की कस्टडी मां को मिली थी। इसके बाद 7 जुलाई तक मां-बेटे का कोई पता नहीं चला। महिला का फोन बंद है और वह अपने आवास पर भी नहीं मिली। जासूसी की आशंका सैकत बसु और उनके परिवार को संदेह है कि विक्टोरिया भारत की जासूसी कर रही थी और अब बच्चे को लेकर रूस भागने की योजना बना रही है। गौरतलब है कि विक्टोरिया 2019 से भारत में एक्स-1 वीजा पर रह रही थी। सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाएगा। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि महिला और बच्चा देश की सीमाओं से बाहर न जा सकें। लुकआउट सर्कुलर जारी करते हुए आव्रजन विभाग, हवाई अड्डा प्राधिकरण और राजनयिक मिशनों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। हिदायत/ईएमएस 18जुलाई25