18-Jul-2025
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जस्टिस वर्मा की सुप्रीम कोर्ट में याचिका-जांच समिति की रिपोर्ट रद्द करने की मांग नई दिल्ली (ईएमएस)। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने कैश कांड केस में खुद को दोषी ठहराने वाली जांच रिपोर्ट को रद्द करने की मांग की है। जस्टिस वर्मा ने अपील में कहा कि उनके खिलाफ जो कार्यवाही की गई, वह न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। मुझे खुद को साबित करने का पूरा मौका नहीं दिया गया। कार्यवाही में एक व्यक्ति और एक संवैधानिक अधिकारी दोनों के अधिकारों का उल्लंघन किया गया है। यह याचिका संसद का मानसून सत्र शुरू होने से कुछ दिन पहले आई है। सत्र के दौरान जस्टिस वर्मा को हटाने के लिए प्रस्ताव पेश किया जा सकता है। पूर्व सीजेआई ने कदम उठाने को किया मजबूर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को कहा कि उस समय के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को चिट्ठी भेजकर सांसदों को यह कदम उठाने को मजबूर किया। रमेश ने कहा कि ये प्रस्ताव महाभियोग नहीं, बल्कि 1968 के जजेज (इन्क्वायरी) एक्ट के तहत जांच समिति गठित करने के लिए है। यह समिति जांच कर रिपोर्ट देगी और फिर संसद में कार्रवाई होगी। विपक्ष जस्टिस शेखर यादव का मामला भी उठाएगा रमेश ने यह भी दोहराया कि विपक्ष जस्टिस शेखर यादव के मामले को भी जोर से उठाएगा, जिन पर सांप्रदायिक भाषण देने का आरोप है। उनके खिलाफ पिछले दिसंबर में राज्यसभा में 55 सांसदों ने प्रस्ताव दिया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जांच रिपोर्ट 19 जून को सामने आई थी कैश केस की जांच कर रहे सुप्रीम कोर्ट के पैनल की रिपोर्ट 19 जून को सामने आई थी। 64 पेज की रिपोर्ट में कहा गया कि जस्टिस यशवंत वर्मा और उनके परिवार के सदस्यों का स्टोर रूम पर सीक्रेट या एक्टिव कंट्रोल था। 10 दिनों तक चली जांच में 55 गवाहों से पूछताछ हुई और जस्टिस वर्मा के आधिकारिक आवास का दौरा किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि आरोपों में पर्याप्त तथ्य हैं। आरोप इतने गंभीर हैं कि जस्टिस वर्मा को हटाने के लिए कार्यवाही शुरू करनी चाहिए।