:: इंदौर में कॉफी विद एक्सपोर्टर्स कार्यक्रम में 100 से ज़्यादा उद्यमी, स्टार्टअप्स और भावी निर्यातक जुटे :: इंदौर (ईएमएस)। शुक्रवार को इंदौर में सिर्फ कॉफी की महक नहीं फैली, बल्कि मिशन एक्सपोर्ट फ्रॉम एमपी की एक नई और बुलंद कहानी भी गढ़ी गई! मध्य प्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीआईडीसी) के इंदौर क्षेत्रीय कार्यालय ने कॉफी विद एक्सपोर्टर्स कार्यक्रम का सफल आयोजन कर यह साबित कर दिया कि अब मध्य प्रदेश सिर्फ मेक इन इंडिया का नहीं, बल्कि शिप फ्रॉम इंडिया का भी वैश्विक चेहरा बनने को तैयार है। इस अनूठी पहल में 100 से ज़्यादा उत्साहित उद्यमी, स्टार्टअप्स और भावी निर्यातक जुटे, ताकि वे निर्यात की दुनिया के दरवाजे खोल सकें। :: निर्यात की राह आसान, सफलता की नई उड़ान :: यह कार्यशाला महज एक सेमिनार नहीं थी, बल्कि एक ऐसा मंच था जहां अनुभव और आकांक्षाएं एक साथ मिलीं। प्रतिभागियों को निर्यात की जटिल प्रक्रियाओं को सरलता से समझाया गया। सरकारी योजनाओं के लाभ, अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में ब्रांडिंग की अहमियत, उत्पादों की गुणवत्ता के मानक और वित्तीय प्रबंधन की बारीकियां, सब कुछ एक खुशनुमा माहौल में साझा किया गया। मिशन एक्सपोर्ट फ्रॉम एमपी का सपना है कि प्रदेश के कोने-कोने में छिपी निर्यात क्षमता को पहचाना जाए और उसे विश्व पटल पर प्रतिस्पर्धी बनाया जाए, और इस कॉफी विद एक्सपोर्टर्स ने इस सपने को एक ठोस दिशा दी है, जो सिर्फ बातें नहीं, बल्कि काम करने में विश्वास रखती है। :: इंदौर बना मध्य प्रदेश की वैश्विक धाक का नया केंद्र :: एमपीआईडीसी के कार्यकारी संचालक हिमांशु प्रजापति ने बड़े गर्व से बताया कि मध्य प्रदेश से 66,000 करोड़ से अधिक का निर्यात किया जा रहा है और इसमें अकेले इंदौर संभाग का योगदान 40 प्रतिशत से भी ज़्यादा है! उन्होंने भविष्य की चुनौतियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि अभी भी हमें बहुत कुछ हासिल करना है, क्योंकि देश के कई बड़े शहरों का निर्यात हमारे पूरे राज्य से तुलनात्मक है। सरकार का लक्ष्य स्पष्ट है: हर उस उत्पाद को अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाना जिसमें निर्यात की ज़रा सी भी क्षमता है। एमपीआईडीसी की विशेष एक्सपोर्ट प्रमोशन सेल नए निर्यातकों के लिए हर पल तैयार है। प्रजापति ने यह भी जानकारी दी कि उनका महत्वाकांक्षी लक्ष्य 100 दिनों में 100 नए निर्यातक तैयार करना है और इंदौर की तरह ही यह कार्यशालाएं प्रदेश के अन्य जिलों में भी निरंतर आयोजित की जाएंगी। :: विशेषज्ञों की जुबानी, निर्यात की कहानी :: इस कार्यक्रम में उद्योग जगत के कई दिग्गज एक साथ आए। जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक स्वप्निल गर्ग, ईसीजीसी के शाखा प्रबंधक विकास पाटकर, एमएसएमई विकास एवं सुविधा कार्यालय के सहायक निदेशक नीलेश त्रिवेदी, भारतीय निर्यात संगठन महासंघ के एम.पी. चैप्टर प्रमुख अमित कुमार बेरेथा, विल्सन एंटरप्राइजेस के सीईओ राकेश अग्रवाल और एफफोलॉजिक के प्रबंध निदेशक प्रकल्प जैन जैसे वक्ताओं ने निर्यात के गुर साझा किए। महावीर होम डेकोर के प्रबंध संचालक कृष्ण मुरारी ने अपने ई-कॉमर्स निर्यात के अनुभव सुनाकर प्रतिभागियों को प्रेरित किया। यह दिखाया कि कैसे मध्य प्रदेश के उत्पाद, खासकर होम टेक्सटाइल, डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए दुनिया के कोने-कोने तक पहुंच रहे हैं। :: आईईसी का तत्काल पंजीकरण, सपनों का तत्काल साकारण :: कार्यक्रम का सबसे अनूठा पहलू इंपोर्टर एक्सपोर्टर कोड (आईईसी) के लिए मौके पर ही पंजीकरण की सुविधा थी। लगभग 15 उद्यमियों ने इस सुविधा का लाभ उठाया, जिससे उनके निर्यात के सपनों को तुरंत पंख मिल गए। सत्र के अंत में हुए प्रश्नोत्तर सत्र ने प्रतिभागियों को अपने वास्तविक व्यावसायिक मुद्दों पर सीधे विशेषज्ञों से समाधान पाने का अवसर दिया। आज की कॉफी विद एक्सपोर्टर्स सिर्फ एक पहल नहीं थी, बल्कि यह मध्य प्रदेश की बदलती आर्थिक तस्वीर का एक प्रमाण है। यह साबित करता है कि प्रदेश अब मेक इन इंडिया से एक कदम आगे बढ़कर शिप फ्रॉम इंडिया की अवधारणा को वास्तविकता में बदल रहा है। इंदौर से शुरू हुई यह यात्रा, निश्चित रूप से मध्य प्रदेश को वैश्विक निर्यात मानचित्र पर एक मजबूत पहचान दिलाएगी। प्रकाश/25 जुलाई 2025