खेल
27-Jul-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। क्रिकेट अब सिर्फ टेस्ट खेलने वाले 12 देशों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह खेल 23 देशों तक फैल चुका है और इसकी सबसे बड़ी ताकत बनी हैं फ्रेंचाइजी लीग्स। इनमें भारत की भूमिका बेहद अहम है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 48 क्रिकेट लीग्स आयोजित होती हैं, जिनमें से 31 में किसी न किसी रूप में भारत का योगदान है। इनमें आईपीएल सबसे बड़ी और सबसे सफल लीग के रूप में जानी जाती है, जिसने विश्व क्रिकेट की आर्थिक संरचना को ही बदल दिया है। भारतीय क्रिकेटर्स भले ही विदेशी लीगों में खेलने से वंचित हों, लेकिन पूर्व खिलाड़ी, अभिनेता, ब्रॉडकास्टर, निवेशक और भारतीय मूल के क्रिकेटर दुनिया की कई लीग में सक्रिय हैं। भारत के बाद अमेरिका क्रिकेट लीग्स का दूसरा सबसे बड़ा हब बन गया है, जहां कुल 11 लीग्स खेली जाती हैं। भारत में 21 लीग्स और अमेरिका में 11 लीग्स होने का यह आंकड़ा इस बात की गवाही देता है कि भारत का क्रिकेट से जुड़ा निवेश वैश्विक हो चुका है। इंटरनेशनल मास्टर्स लीग के को-फाउंडर सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर जैसे दिग्गज इसमें अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। अभिषेक बच्चन यूरोपियन टी20 प्रीमियर लीग में हिस्सेदार हैं, तो युवराज सिंह कनाडा, शिखर धवन नेपाल और सुरेश रैना कतर की लीग में खेल चुके हैं। इस तरह भारतीयों की मौजूदगी मैदान के भीतर और बाहर दोनों जगह दिखती है। आईसीसी द्वारा मान्यता प्राप्त केवल 12 टेस्ट नेशन हैं, लेकिन क्रिकेट का व्यावसायिक स्वरूप 23 देशों तक पहुंच चुका है, जिसमें स्पेन, मलेशिया, हॉन्गकॉन्ग, कतर जैसे नाम शामिल हैं। भारत में भी आईपीएल के बाद से 15 राज्य स्तरीय टी20 लीग्स की शुरुआत हुई है, जिससे घरेलू प्रतिभाओं को मंच और दर्शकों को रोमांच मिल रहा है। इन लीग्स की सफलता और भारत की हिस्सेदारी यह साबित करती है कि भारत अब क्रिकेट का सिर्फ उपभोक्ता नहीं, बल्कि ग्लोबल इनोवेशन हब बन चुका है। डेविड/ईएमएस 27 जुलाई 2025