खेल
27-Jul-2025
...


लंदन (ईएमएस)। भारतीय टीम के पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा है कि अंतिम ग्यारह के चयन का पूरा अधिकार कप्तान शुभमन गिल के पास होना चाहिये न कि कोच गौतम गंभीर के पास। गावस्कर ने कहा कि टीम कप्तान की होती है कोच की नहीं। इसलिए कप्तान की राय सबसे अहम होती है। विराट कोहली और रोहित शर्मा के संन्यास के बाद कई लोगों ने नई भारतीय टेस्ट टीम को गंभीर की टीम करार दिया, जबकि चयनकर्ताओं ने शुभमन को नया टेस्ट कप्तान नियुक्त किया था। इससे सवाल ये भी उठ रहा है कि ड्रेसिंग रूम में कप्तान की पकड़ है या कोच हावी हैं? टेस्ट के चौथे दिन जब, गावस्कर से सीधे तौर पर पूछा गया कि क्या यह भारतीय टीम शुभमन या गंभीर की है। इसपर गावस्कर ने कहा कि उन्हें अपनी कप्तानी के दिनों में कभी ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा, क्योंकि उस समय कोई मुख्य कोच नहीं था। इसकी जगह पर उन्होंने प्रबंधकों या सहायक प्रबंधकों से सुझाव मांगे, जो अक्सर पूर्व खिलाड़ी होते थे। गावस्कर ने कहा, हमारे पास कोच नहीं थे। हमारे पास सिर्फ पूर्व खिलाड़ी ही मैनेजर या सहायक मैनेजर के तौर पर थे। वे ऐसे लोग थे जिनके पास जाकर आप बात कर सकते थे, लंच के समय, दिन के खेल के अंत में या मैच से पहले और वे केवल अपनी सलाह देते थे, फैसला हमें लेना होता था। इसलिए, मेरे लिए कप्तान और कोच के संयोजनप को समझना कठिन है। जब मैं कप्तान था, तब हमारे पास कोई भी पूर्व खिलाड़ी नहीं था। गावस्कर ने कहा कि टीम चयन में अंतिम फैसला कप्तान का ही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्पिनर कुलदीप यादव को अभी तक शुभमन के चाहते के बाद भी अवसर नहीं मिला है। इसके अलावा शार्दुल ठाकुर को सीरीज के पहले मैच के बाद टीम से बाहर कर दिया गया था पर नीतीश रेड्डी की चोट के बाद फिर शामिल कर लिया गया। उन्होंने साथ ही कहा, वह कप्तान हैं। लोग उनके और उनकी कप्तानी के बारे में बात करेंगे। इसलिए उन्हें फैसले करने चाहिये। साथ ही कहा कि आजकल सभी चयन कप्तान की इच्छा से नहीं होते केवल ऐसा दिखाया जाता है कि व सहमत है जिससे लगे कि सब ठीक है। गिरजा/ईएमएस 27 जुलाई 2025