राज्य
31-Jul-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली की बहुचर्चित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में एक बार फिर से विवाद खड़ा हो गया। अब की बार ये विवाद शाकाहारी और मांसाहारी भोजन को लेकर हुआ है। दरअसल, शाकाहारी छात्रों ने अपनी चिंता व्यक्त की कि उनके भोजन की पवित्रता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। क्योंकि नॉनवेज और वेज भोजन एक ही बर्तनों में तैयार किया जाता है। इस बात को लेकर जेएनयू छात्र संघ ने मोर्चा खोल दिया है। वहीं, जेएनयू के माही मांडवी हॉस्टल में वेज और नॉन वेज खाने के लिए अलग-अलग जगह तय करने का मामला बुधवार को मेस में चस्पा एक पोस्टर से सामने आया। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ आरोप लगाया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से संबद्ध माही-मांडवी छात्रावास के अध्यक्ष ने छात्रावास के मेस में शाकाहारी और मांसाहारी छात्रों के लिए अलग-अलग बैठने की व्यवस्था शुरू की है। यह कदम परेशान करने वाला और विभाजनकारी है। साथ ही यह छात्रावास के नियमों का पूर्ण उल्लंघन है। इस मुद्दे पर प्रशासन की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।वहीं, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के संयुक्त सचिव वैभव मीना ने कहा- जेएनयू के माही-मांडवी छात्रावास में विद्यार्थियों ने आपसी सहमति से यह व्यवस्था की है। इसके मुताबिक वेज खाने वाले विद्यार्थी और नॉन-वेज खाने वाले लोग अलग-अलग बैठकर खाना खाएंगे। क्योंकि शाकाहारी छात्रों को मांसाहारी छात्रों के साथ बैठकर खाने में समस्या हो रही थी, तो विद्यार्थियों ने उन्होंने आपस में समाधान निकाला और उन लोगों ने आपसी सहमति से अलग-अलग बैठ कर खाने की व्यवस्था की। इन वामपंथी यूनियन के लोगों के पास कोई मुद्दा नहीं है, बेवजह और बेतुका विरोध ये लोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा- शाकाहारी छात्रों को भी खाने का अधिकार है, उन्हें भी खाना चयन करने की स्वतंत्रता है। खाने की पवित्रता और शुचिता का ध्यान रखा जाये, यह विश्व विद्यालय प्रशासन को सुनिश्चित करना चाहिए और ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए। जेएनयू के सभी छात्रावास में वेज और नॉन-वेज और एक साथ और एक ही बर्तन में बनाया जाता है, इससे शाकाहारी छात्रों को बहुत समस्या होती है, और जिस दिन मेस में नॉन-वेज बनता है, उस दिन अधिकांश शाकाहारी छात्र खाना छोड़ देते हैं और नहीं खाते हैं। तुष्टिकरण की राजनीति के चलते कभी इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, छात्रों को यह अधिकार है कि उनको यह पता हो कि उनका खाना कैसे बन रहा है और वे क्या खाना चाहते हैं। प्रशासन शाकाहारी छात्रों के खाने की पवित्रता पर ध्यान दे। और वेज, नॉन-वेज खाना अलग- अलग बनाने की व्यवस्था की जाए। अब इस पर जेएनयूएसयू की जनरल सेक्रेटरी मुंतेहा फातिमा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा- आज माही मांडवी हॉस्टल में देखा कि वेज नॉन वेज के लिए अलग-अलग टेबल होंगे। वहां फूड सेग्रीगेशन चल रहा है वेज नॉन वालों का। हमने वहां एक प्रोटेस्ट का कॉल दिया। ये जेएनयू के इन्क्लूसिव कल्चर के ऊपर अटैक है। सीनियर वार्डन ने कहा कि उनकी जानकारी में ये नहीं था। इस मामले में दखल दिया और जांच कमेटी का भरोसा दिया जो देखेगा कि किसने ये हरकत की है। जेएनयू की एक लिगेसी रही है। एबीवीपी कैंपस का भगवाकरण करने की कोशिश कर रही है। माही मांडवी हॉस्टल के प्रेसिडेंट एबीवीपी से हैं। हम जेएनयू के कल्चर को प्रोटेक्ट करेंगे। अजीत झा/ देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/31/ जुलाई /2025