- उन्होंने अपने पद का इस्तेमाल बेहिसाब संपत्ति जमा करने के लिए किया मुंबई, (ईएमएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि मुंबई से सटे वसई-विरार महानगरपालिका के तत्कालीन आयुक्त अनिल पवार अवैध निर्माण मामले के लिए जिम्मेदार हैं और उन्होंने अपने पद का इस्तेमाल बेहिसाब संपत्ति जमा करने के लिए किया है। वसई-विरार मनपा सीमा के भीतर पनपा भ्रष्टाचार और अवैध निर्माण तत्कालीन आयुक्त अनिल पवार के आशीर्वाद से किया जा रहा था। ईडी ने खुलासा किया है कि उसे इस मामले में अब तक की गई जांच से जानकारी मिली है कि अनिल पवार ने अपनी नियुक्ति के बाद से अवैध निर्माण को नियमित करने के लिए 20 से 25 रुपये प्रति वर्ग फुट की कीमत तय की थी, जबकि मनपा के नगर रचनाकार वाई.एस. रेड्डी ने कार्यभार संभालने के बाद से अपने लिए 10 रुपये प्रति वर्ग फुट की कीमत तय की थी। ईडी ने पिछले दो महीनों में विरार-नगर मनपा में अवैध निर्माण मामले में अपनी तीसरी बड़ी कार्रवाई की है। अनिल कुमार पवार जनवरी 2022 से वसई-विरार मनपा के आयुक्त और बाद में प्रशासक के रूप में कार्यरत थे। हाल ही में उनका तबादला ठाणे में एसआरए, मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में किया गया था। हालांकि, इस तबादले के बाद भी वह पिछले एक हफ्ते से वसई-विरार मनपा में कार्यरत थे, ऐसा ईडी का दावा है। वहीं पिछले सोमवार को मनपा मुख्यालय में उनका विदाई समारोह आयोजित किया गया था। इसके बाद ईडी के अधिकारी बीते मंगलवार सुबह वसई के दीनदयाल नगर स्थित मनपा आयुक्त के सरकारी बंगले और 12 अन्य जगहों पर छापा मारा था। बता दें कि सबसे पहले ईडी ने वसई-विरार मनपा के नगर रचनाकार वाई.एस.रेड्डी के यहां छापेमारी में 8.6 करोड़ रुपये नकद, 23.25 करोड़ रुपये का सोना और हीरे के आभूषण जब्त किए थे। ईडी ने इसमें कई दस्तावेज भी जब्त किए हैं। ईडी ने उनसे पूछताछ के दौरान सामने आई जानकारी के आधार पर यह कार्रवाई शुरू की थी। - क्या है मामला ? बॉम्बे हाई कोर्ट ने 8 जुलाई, 2024 को वसई-विरार महानगरपालिका के नालासोपारा पूर्व में डंपिंग ग्राउंड के लिए आरक्षित भूमि पर 2009 से धीरे-धीरे निर्मित 41 अनधिकृत इमारतों को ध्वस्त करने का निर्देश दिया था। सर्वोच्च न्यायालय में इस फैसले को चुनौती देने वाले निवासियों की याचिका खारिज होने के बाद, मनपा प्रशासन ने जनवरी 2025 में कार्रवाई शुरू कर दी। नालासोपारा में 41 अनधिकृत इमारतों को ध्वस्त करने के बाद, ईडी ने इस पूरे घोटाले की जाँच शुरू कर दी है। ईडी ने मीरा-भायंदर पुलिस में विभिन्न डेवलपर्स और स्थानीय नेताओं के खिलाफ महानगर पालिका में भ्रष्टाचार के संबंध में दर्ज प्राथमिकी पर अपनी ईसीआईआर दायर की है। ईडी की कार्रवाई मई से चल रही है। मनपा के निलंबित नगर रचनाकार रेड्डी के साथ बड़े कारोबारियों, चार्टर्ड अकाउंटेंट, आर्किटेक्ट आदि के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। अब इसमें तत्कालीन मनपा आयुक्त को भी जोड़ दिया गया है। स्वेता/संतोष झा- ०२ अगस्त/२०२५/ईएमएस