वाशिंगटन (ईएमएस)। पीएम मोदी और पुतिन को अपना पक्का दोस्त बोलने वाले डोनाल्ड ट्रंप अब मोदी और पुतिन से डरने लगे हैं। डर ऐसा है कि ट्रंप अजीब अजीब हरकते करने लगे हैं। हाल ही में एक रिपोर्ट में बताया गया कि पुतिन की अपने देश में अप्रूवल रेटिंग 86 प्रतिशत है। यानी 86 प्रतिशत रूसियों को पुतिन पर अभी भी भरोसा है। ये भरोसा ही पुतिन की सबसे बड़ी ताकत है। इसके बाद एक और लिस्ट जारी हुई जिसमें पुतिन को छोड़कर दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेताओं के नाम बताए गए। लिस्ट में पीएम मोदी 75 प्रतिशत की अप्रूवल रेटिंग के साथ नंबर वन पायदान पर है। यानी 75 प्रतिशत भारतीय लोगों को पीएम मोदी पर भरोसा है। ये भरोसा मोदी की ताकत है। लेकिन ट्रंप तब घबरा गए जब उनकी अप्रूवल रेटिंग सिर्फ 44 प्रतिशत रही। इसके बाद ट्रंप इतना डरे कि उन्होंने पीएम मोदी और पुतिन को धमकियां देनी शुरू कर दी। लोकप्रियता के भूखे ट्रंप ने अपने प्रेस सचिव से एक ऐसा ऐलान कराया जिसे सुनकर उनका डर साफ झलकता प्रतीत होता है। ये आई तो ट्रंप की तारीफ करने के लिए थी। लेकिन बयान से साबित हो गया कि ट्रंप पीएम मोदी और पुतिन से कितना डरते हैं। व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलिन लीविट मीडिया के सवालों का जवाब देती हैं। लेकिन इस बार ट्रंप की छवि को बचाने के लिए लीविट ने ऐसा ऐलान कर दिया। जिसे सुनकर भारत रूस सहित पूरी दुनिया हंस रही है। खुद अमेरिकी लोग भी हंस रहे हैं। लीविट ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि हम सब मिलकर ट्रंप को शांति का नोबेल पुरस्कार दिलाए। क्योंकि ट्रंप ने हर महीने औसतन एक जंग रुकवा रहे है। लेविट ने दावा किया कि ट्रंप ने दुनिया भर के कई संघर्ष क्षेत्रों में कई शांति समझौते और युद्धविराम करवाए हैं। उन्होंने कहा कि ये शांति समझौते औसतन हर महीने एक होते हैं और उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल शांति पुरस्कार दिए जाने की मांग दोहरा दी। लेविट ने कहा कि राष्ट्रपति ने थाईलैंड और कंबोडिया, इज़राइल और ईरान, रवांडा और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, भारत और पाकिस्तान, सर्बिया और कोसोवो, और मिस्र और इथियोपिया के बीच संघर्ष समाप्त कर दिया है। इसका मतलब है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने छह महीने के कार्यकाल के दौरान औसतन हर महीने लगभग एक शांति समझौता या युद्धविराम करवाया है। अब समय आ गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार दिया जाए। आशीष दुबे / 02 अगस्त 2025